इसलामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने सुप्रीम कोर्ट के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के संबंध में दिये गये फैसले के आलोक में पाठ्यक्रम में बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं. इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता बढ़ाना है. शीर्ष अदालत ने 18 जून को आदेश दिया था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बड़े कदम उठाये जाने चाहिए. इस आदेश पर अमल करने की रिपोर्ट को शीर्ष न्यायालय में जमा करते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने एक समिति का गठन किया था, जिसने महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की अनुशंसा की है. समिति का प्रस्ताव है कि इतिहास की व्यर्थ की व्याख्याओं को हतोत्साहित करना चाहिए और धर्म को इसलामी उदारवाद के रूप में समझना चाहिए जो कहता है, ‘सभी धर्मों का सार समान है और यह मानवता की भलाई के लिए है.’
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पंजाब प्रांत ने अल्पसंख्यकोन्मुखी पाठ्यक्रम बनाया
इसलामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने सुप्रीम कोर्ट के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के संबंध में दिये गये फैसले के आलोक में पाठ्यक्रम में बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं. इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता बढ़ाना है. शीर्ष अदालत ने 18 जून को आदेश दिया था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के […]
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