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बारिश से टाल क्षेत्र में रबी फसल को लाभ के आसार
शेखपुरा : सोमवार की अहले सुबह से शुरू ठंड के बीच बूंदाबांदी से लोग बुरी तरह प्रभावित दिखे. बाजारों में मंदी और सरकारी दफ्तरों में सन्नाटे की स्थिति देखी गयी. जरूरी कार्य के लिए घरों से निकले लोगों और स्कूली छात्र-छात्राओं को भी छुट्टी के दौरान भींगना पड़ा. ठंड के इस मौसम में जहां आदमी […]
शेखपुरा : सोमवार की अहले सुबह से शुरू ठंड के बीच बूंदाबांदी से लोग बुरी तरह प्रभावित दिखे. बाजारों में मंदी और सरकारी दफ्तरों में सन्नाटे की स्थिति देखी गयी. जरूरी कार्य के लिए घरों से निकले लोगों और स्कूली छात्र-छात्राओं को भी छुट्टी के दौरान भींगना पड़ा.
ठंड के इस मौसम में जहां आदमी और मवेशी का स्वास्थ्य प्रभावित दिखा. वहीं इसका प्रभाव गरीबों की रोजी-रोटी पर देखने को मिला. धूप नहीं निकलने के कारण खलिहानों और खेतों में रखी धान फसलों को समेटने में कृषकों के समक्ष परेशानियां बढ़ी रही. वहीं दूसरी ओर कुम्हार परिवार के मिट्टी का बरतन बनाने का भी कारोबार ठप रहा.
इस बारिश का दूसरा पहलू टाल क्षेत्र के कृषकों के लिए लाभदायक माना जा रहा है. रूक-रूक कर पूरे दिन बारिश की बूंदों ने नगर परिषद् की मुख्य सड़कों और गलियों पर भी कीचड़ सी स्थिति उत्पन्न हो गयी. सड़क निर्माण अधूरा रहने के कारण शेखपुरा-शाहपुर और शेखपुरा-मेहुश सड़क मार्ग पर लोगों का आवागमन बुरी तरह प्रभावित रहा. सड़क मार्ग पर मोटरसाइकिल सवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.सोमवार को पूरे दिन बुंदाबांदी से टाल क्षेत्र के कृषकों ने राहत की सांस ली. पिछले दिनों मौसम में नमी के अभाव के कारण बड़े पैमाने पर मसूर और रबी फसल सूख रहे थे. कीड़ाखोरी के भयंकर प्रकोप से लोग त्रस्त थे.
फसलों की सुरक्षा और बचाव के लिए कीटनाशक और रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करने को विवश थे. किसानों के रबी फसलों में इस बरबादी के बीच बूंदाबांदी से किसान राहत की सांस भर रहे हैं. डीह कोसुम्भा गांव निवासी उमेश महतो ने बताया कि बूंदाबांदी से कीड़ाखोरी समाप्त होने के साथ-साथ पौधों में वृद्धि होगी. वहीं दूसरी ओर एकसारी गांव निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि इस बूंदाबांदी से प्याज के बिचड़े पर बूरा प्रभाव पड़ेगा. दिसंबर में कड़ाके की ठंड के बीच सोमवार को बूंदाबांदी का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है.
मौसम के बदलते तेवर में सर्दी, खांसी, बुखार, बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मौसम में भींगने से बचना चाहिए. बच्चों को तेल माचिस एवं आग अलाव जला कर ठंड से बचना चाहिए.
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