सिलीगुड़ी: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नक्सली संगठन समेत सभी वामपंथी दलों के कॉमरेड लाल हुए. नक्सली संगठन सीपीआइ (एमएल, लिबरेशन), सीपीएम, सीपीआइ, आरएसपी, फॉरवार्ड ब्लॉक, एसयूसीआई के संयुक्त बैनरतले आज वामपंथियों ने सिलीगुड़ी में केन्द्र की जनविरोधी नीतियों के विरूद्ध आवाजा बुलंद किया.
साथ ही साम्प्रदायिक शक्तियों को राष्ट्र के लिए खतरा करार दिया. स्थानीय विधान रोड में कंचनजंगा स्टेडियम से सटे गोस्टोपाल की मूर्ति के सामने दिन भर चले धरना-प्रदर्शन व पथ सभा को संबोधित करते हुए सीपीआइ (एमएल, लिबरेशन) के केन्द्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभिजीत मजूमदार ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया.
उन्होंने जहां केन्द्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्र सरकार को जमकर लताड़ा, वही साम्प्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की जमकर खिंचाई की. उन्होंने केन्द्र की एफडीआइ नीति की आलोचना करते करते हुए कहा कि इससे देश के खुदरा बाजार बुरी तरह प्रभावित होगा. इस नीति से विदेशियों को फायदा होगा और यहां के अधिकांश बाजार विदेशियों के अधीन हो जायेगा. केन्द्र की यह एफडीआइ नीति एक बार फिर देश को गुलाम बनाने की साजिश है.
साथ ही उन्होंने उत्तर बंगाल में एक के बाद एक बंद हो रहे चाय बागानों, बागानों की दुर्दशा व चाय श्रमिकों की बदहाली के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी जिम्मेदार है. श्री मजूमदार ने देश में साम्प्रदायिक शक्तियों को दी जा रही बढ़ावा के लिए मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. संघ के आड़ में एवं केसरिया चोला पहनकर साम्प्रदायिक शक्तियां देश में विघटनकारी शक्तियों को बढ़ावा दे रही है. देश की सुरक्षा बाहरी आतंकियों से अधिक अंदरूनी ताकतों से है. साथ ही श्री मजूमदार ने केन्द्र से सारधा मामले के तरह ही एसजेडीए घोटाला मामले में भी सीबीआई जांच की मांग की है और सारधा मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत आरोपी सभी नेता-मंत्रियों को भी जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है. इस मौके पर वामपंथी नेता विनय चक्रवर्ती, सीपीएम के वरिष्ठ नेता पार्थ मैत्र, एसयूसीआइ के दाजिर्लिंग जिला सचिव गौतम भट्टाचार्य समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया.