सीवान : जिले को नियमित टीकाकरण के लिए जरूरत के हिसाब से वैक्सीन नहीं मिलने के कारण नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बाधित हो रहा है. वहीं कम वैक्सीन आने के बाद भी विभाग का दावा है कि पहले से उपलब्धि काफी अच्छी है. जिले में प्रतिदिन सरकारी अस्पतालों में करीब सात सौ बच्चे जन्म लेते हैं. इन बच्चों को अगर बीसीजी के टीके देने होंगे, तो करीब चार हजार दो सौ वायल बीसीजी के वैक्सीन लगेंगे.
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टीकाकरण कार्यक्रम बाधित
सीवान : जिले को नियमित टीकाकरण के लिए जरूरत के हिसाब से वैक्सीन नहीं मिलने के कारण नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बाधित हो रहा है. वहीं कम वैक्सीन आने के बाद भी विभाग का दावा है कि पहले से उपलब्धि काफी अच्छी है. जिले में प्रतिदिन सरकारी अस्पतालों में करीब सात सौ बच्चे जन्म लेते हैं. […]
नवंबर माह में विभाग ने 42 सौ वायल बीसीजी के वैक्सीन की मांग की थी. इसमें मात्र 28 सौ वायल ही वैक्सीन मिला. बीसीजी के वैक्सीन में दवा वेस्ट भी होती है. एक वायल में पांच बच्चों को डोज होता है. अगर एक घंटे के अंदर पांच बच्चे नहीं आये तो खुली वैक्सीन फेंक दी जाती है.
विभाग के अधिकारी किस प्रकार वैक्सीन मैनेजमेंट कर सभी बच्चों को बीसीजी के टीके कैसे दे देते हैं, समझ से परे है. यही हाल जेइ के वैक्सीन का है. विभाग ने डिमांड किया चार हजार वायल वैक्सीन और आया मात्र 23 सौ वायल वैक्सीन. बीसीजी की तरह इसमें भी पांच बच्चों को डोज होता है तथा एक घंटे में पांच बच्चे टीका लेने नहीं आये तो यह वैक्सीन भी वेस्ट हो जाता है.
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