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चाईबासा जेल ब्रेक: सुरक्षाकर्मी समेत 21 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज

चाईबासा: चाईबासा जेल ब्रेक के मामले में सदर पुलिस ने पुलिस अवर निरीक्षक कामता प्रसाद की शिकायत पर जेल गेट के सुरक्षाकर्मी मुची राय मुंडा समेत 21 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में बताया गया है कोर्ट से जेल लाने के बाद 20 कैदियों को भगाने में जेल गेट के सुरक्षा […]

चाईबासा: चाईबासा जेल ब्रेक के मामले में सदर पुलिस ने पुलिस अवर निरीक्षक कामता प्रसाद की शिकायत पर जेल गेट के सुरक्षाकर्मी मुची राय मुंडा समेत 21 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में बताया गया है कोर्ट से जेल लाने के बाद 20 कैदियों को भगाने में जेल गेट के सुरक्षा कर्मी की संलिप्तता सामने आ रही है.

कैदियों से भरी गाड़ी के जेल परिसर में घुसने के बावजूद मुख्य गेट पर ताला नहीं जड़ा गया था. गेट को सिर्फ कुंडी लगा कर बंद किया गया था. इस कारण एक साथ इतने कैदी भागने में सफल रहे, जबकि नियम के मुताबिक कैदी वाहन के अंदर प्रवेश करने के साथ ही मुख्य गेट में ताला लगाना अनिवार्य है. लेकिन, इस नियम की अनदेखी की गयी.

इनके खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी

जेल गेट के सुरक्षाकर्मी मुची राय मुंडा, मृतक दीपा दास, मृतक राम विलास तांती, बीर सिंह हाईबुरु, करण चाकी, बिरसा हेस्सा पूर्ति, विशु बोदरा,सहदेव महतो, विमल गुड़िया, जॉनसन गंझू, सालुका कामय,चोकरो चाकी, गुरु नाग, बोंज हांसदा, गुणा हांसदा, माटू बाडिंग, सुभाष उर्फ छोटू गंजु, रामवीर पात्रो, सुरमय चाकी, चंद्र हांसदा व संजय बोदरा .

इन बिंदुओं पर जांच शुरू

गेट खुला था या नहीं.

गेट के अंदर कैदी वाहन कैसे खड़ा किया गया था.

मुख्य गेट से कैदी वाहन अंदर प्रवेश करने के बाद जेल गेट पर कितने पुलिसकर्मी थे.

वाहन से कैदियों के उतरते वक्त वाहन के पास कितने पुलिसकर्मी थे.

जिला पुलिस ने कैदियों के जेल में घुसने की रिसीविंग करायी थी या नहीं.

वारदात के समय मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने क्या किया.

वारदात के तुरंत बाद घटना की किसे सूचना दी गयी.

जांच कर वापस लौटे जेल आइजी

जेल ब्रेक की जांच करने बुधवार को चाईबासा जेल पहुंचे जेल आइजी शैलेंद्र भूषण गुरुवार को रांची लौट गये. वहां जेल आइजी ने सर्किट हाउस से ही पूछताछ की. सर्किट हाउस में उनके साथ एआइजी तुषार रंजन गुप्ता, चाईबासा जेलर साकेत बिहारी सिंह व जेल के चिकित्सक भी मौजूद थे. तमाम जानकारी आइजी अपने साथ ले गये हैं. वरीय पदाधिकारी के सामने जांच रिपोर्ट देने के बाद दोषी पर कार्रवाई तय की जायेगी. इस दौरान जेल के अंदर के हालात पर भी आइजी ने चर्चा की. वहीं कैदियों को मिलनेवाली सुविधाओं से भी अवगत हुए.

दोषी 21 पुलिसकर्मियों की सूची

कामता प्रसाद: पुलिस अवर निरीक्षक हाजत प्रभारी, मदन तिवारी, प्रकाश किस्कू, बुधन हांसदा, सुलेमाल मिंज, संजय भगत, परमेश्वर मार्डी, देवनाराण मुर्मू, विजय मुमरू, अमर सिंह मुंडा, संजय कुमार प्रसाद, सामू चरण बानरा, जॉनसन कुजूर, अजरुन राम, संजय कुमार सिंह, मुकेश कुमार रजक, मणि उरांव, गौतम महतो, मान सिंक कोंगाड़ी, किरीती महतो व सुमित तिर्की.

ये जेलकर्मी हुए निलंबित: मुचीराम मुंडा ( भूतपूर्व सैनिक), मानिक राम आलडा, परमेश्वर महतो, अर्जुन नायक ( सभी होमगार्ड जवान) .

पंडरा बाजार : जजर्र सड़कों पर चलना मुश्किल

करोड़ों खर्च, फिर भी सड़कों के लिए पैसे नहीं

रांची: बाजार समिति की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन बाजार की सड़क की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. कृषि बाजार समिति पंडरा की सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है. बाजार परिसर की सड़कें जजर्र हो गयी हैं. जो ठीक हैं, वे भी टूटती जा रही हैं, पर इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.

गाड़ी व ठेले हिचकोले खाते हुए इन सड़कों पर चलते हैं. मुख्य बाजार की सड़कें भी खराब हो गयी है. गड्ढे भी हो गये हैं. होटल व रोड नंबर एक की सड़कें भी खराब हो गयी है. सबसे खराब स्थिति आलू-प्याज मंडी जानेवाली सड़क की है. बनहौरा जानेवाली सड़क जगह-जगह पर टूट गयी है. इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं.

बाहर करते हैं ज्यादा खर्च

रांची बाजार समिति की ओर से करोड़ों रुपये सड़क निर्माण पर खर्च होते हैं. पांच वर्षो के दौरान ही बाजार के बाहर बड़ी संख्या में सड़कें बनायी गयीं. इटकी, नगड़ी, सोंस, चान्हो, बेड़ो, रातू, बुढ़मू, सिल्ली, जोन्हा, नामकुम सहित कई ग्रामीण बाजारों के लिए भी सड़कें बनी. इतना ही नहीं बाजार से जुड़ी सड़कों के अलावा दूसरी सड़कें भी बनवायी गयी. केवल मांडर, चान्हो, बेड़ो, इटकी इलाके में ही सालाना दो-तीन करोड़ रुपये खर्च किये जाते रहे हैं, पर पंडरा बाजार पर ध्यान नहीं दिया गया.

नाली की व्यवस्था नहीं

मुख्य बाजार में पानी की निकासी तक की व्यवस्था नहीं की गयी है. पानी सड़क पर ही जमता है. यहां नाली नहीं बना है. बिना प्लानिंग के ही बाजार की सड़कें बनी है. नाली नहीं बनी होने से सारा पानी बाजार में ही रहता है.

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