वॉशिंगटन : टाइम ने "पर्सन ऑफ द ईयर" 2014 के लिए इबोला वायरस पीडितों के इलाज में मदद करने वाले सहायताकर्मियों को चुना गया है. ये वही बहादुर सहायताकर्मियों जिन्होंने बिना परवाह किए इबोला वायरस से पीडि़त लोगों की मदद की. टाइम ने कहा कि पूरी दुनिया में कहर मचा देने वाली इस बीमारी से लड़ने के लिए पहले सरकारें तैयार नहीं थीं, इतना ही नहींडब्ल्यूएचओ ने भी लगभग अपने हाथ पीछे खींच लिए थे. ऐसे मुश्किल वक्त में इबोला सहायताकर्मियों ने सीमित संसाधनों के होने के बावजूद इस बीमारी को हराने के लिए अपने हाथ बढाए.
मोदी का नाम भी पहले हुआ था शामिल
इससे पहले टाइम मैग्जीन के पर्सन ऑफ द ईयर में ऑनलाइन वोटिंग की रेस में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी सबसे आगे चल रहे थे. हालांकि, मैग्जीन द्वारा सालाना खिताब के लिए चुने गए आठ लोगों की सूची में मोदी अपनी जगह नहीं बना सके और इस रेस से बाहर हो गए. टाइम मैग्जीन के संपादकों ने दुनियाभर के पचास नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की सूची में कटौती करते हुए लोगों की संख्या आठ कर दी थी.
इन आठ लोगों के नाम फाइनल की दौड़ में शामिल हुए थे
पॉप सिंगर टाइलर स्विफ्ट, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, फर्गुसन के प्रदर्शनकारी, ऎपल के सीईओ टिम कुक, अलीबाबा के संस्थापक जैक मा, एनएफएल कमिश्नर रॉजर गूडेल, इराकी राष्ट्रपति मसूद बारजानी और ईबोला वायरस से बीमार लोगों की तीमारदारी करने वाले सहायताकर्मी