नयी दिल्ली : सरकार के मुताबिक नक्सली साल भर में विभिन्न स्त्रोंतों से करीब 140 करोड़ रुपये कथित तौर पर वसूलते हैं. गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथिभाई चौधरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले दस साल में नक्सलियों ने 5,024 से अधिक नागरिकों की जान ली है. मृतकों में अधिकांश आदिवासी थे. एक प्रश्न के लिखित उत्तर में चौधरी ने कहा : सटीक आकलन संभव नहीं है, लेकिन नयी दिल्ली स्थित ‘इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस’ के अध्ययन के अनुसार, भाकपा (माओवादी) ने विभिन्न स्नेतों से यह रकम जुटायी है.
उन्होंने बताया कि अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में नक्सली उद्योगपतियों, कारोबारियों, ठेकेदारों, खास कर तेंदूपत्ता ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, सरकारी कर्मियों और अवैध खनन माफिया समूहों से ‘कर’ वसूली करते हैं. नक्सलियों द्वारा नागरिकों को मारे जाने के बारे में चौधरी ने कहा : ग्रामीणों पर माओवादियों की ज्यादतियों के मामले प्रकाश में आये हैं. दहशत फैलाने के लिए माओवादियों ने नागरिकों को पुलिस का मुखबिर कह भी जान ली है.
2004 से 30 नवंबर 2014 तक 5,024 से अधिक नगारिकों की जान ली है. मंत्री के मुताबिक नक्सलियों द्वारा आदिवासी महिलाओं का यौन शोषण के मामले भी सामने आये हैं. ओड़िशा, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों में भाकपा (माओवादी) की कई महिला कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है. उनके बयानों में माओवादी शिविरों मे यौन उत्पीड़न का खुलासा हुआ है. इनमें वरिष्ठ पुरुष कैडरों द्वारा जबरन विवाह और छेड़छाड़ किया जाना शामिल है. महिला कैडरों ने यह भी बताया कि पुरुष कैडरों से विवाह करने के बाद भी उन्हें बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाती.