पटना: राज्य सरकार की लगातार कोशिश के बाद आखिरकार महात्मा गांधी सेतु को लेकर केंद्र की नींद टूटती नजर आ रही है. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रलय की पहल पर पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत के लिए जापानी इंजीनियरों की टीम दोबारा आकलन करने आयेगी. 22 और 23 दिसंबर को उनके पटना आने की संभावना है.
जापानी इंजीनियरों की टीम जायका ने अक्तूबर महीने में भी पुल का निरीक्षण किया था. इस बार के निरीक्षण के बाद जायका अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर पुल के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत का डिजाइन तैयार किया जायेगा. सूत्रों ने बताया कि सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रलय के निदेश पर जायका को दोबारा आमंत्रित किया गया है.
इसके लिए टेंडर निकाल कर निर्माण की जिम्मेवारी कंपनी को सौंपी जायेगी. मंत्रलय पुल के मेंटेनेंस का जिम्मा नहीं उठाना चाह रही है. इसमें वाहनों का परिचालन, विधि-व्यवस्था सहित अन्य काम शामिल हैं. सूत्र ने बताया कि गांधी सेतु के निर्माण के लिए वर्ष 2012 में टेंडर निकाला गया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार का एनएच गुलजारबाग डिविजन पुल के मेंटेनेंस का काम देख रहा था. गांधी सेतु के मेंटनेंस के लिए सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रलय लगभग 200 करोड़ दे चुकी है. गांधी सेतु पर होनेवाले खर्च का जिम्मा उठाने के लिए मंत्रलय तैयार है.
कहां है खराबी : पुल के पूर्वी हिस्से का 34 व 35 नंबर पाये पर झुकाव बढ़ गया है, जबकि पश्चिमी हिस्से में पाया संख्या 44 की कटिंग की गयी है. सेंट्रल हिंज बियरिंग को भी बदला जाना है.