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आलाधिकारियों को नहीं है सरकारी आवास

डीएम-एसपी सहित अन्य आलाधिकारी रहते हैं किराये के बंगले मेंभभुआ (नगर)रोहतास से अलग होने के बाद कैमूर को जिला का दर्जा प्राप्त हुए करीब दो दशक से भी अधिक हो गया. परंतु, कैमूर जिले के अधिकारियों को सरकारी आवास अभी तक नसीब नहीं हो सका. इसे विडंबना कहा जाये या कुछ और पर कैमूर जिले […]

डीएम-एसपी सहित अन्य आलाधिकारी रहते हैं किराये के बंगले मेंभभुआ (नगर)रोहतास से अलग होने के बाद कैमूर को जिला का दर्जा प्राप्त हुए करीब दो दशक से भी अधिक हो गया. परंतु, कैमूर जिले के अधिकारियों को सरकारी आवास अभी तक नसीब नहीं हो सका. इसे विडंबना कहा जाये या कुछ और पर कैमूर जिले में पदस्थापित हुक्मरानों का सच यही है. जो मजबूरीवश दूसरे विभागों के कोठी में किराये देकर रहते हैं. जी हां, सच यही है कि यहां जिलाधिकारी से लेकर आरक्षी अधीक्षक एवं एसडीपीओ (अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी) को भी सरकारी आवास नहीं मिल सका है. यही नहीं जिले में पदस्थापित वरीय उप समाहर्ता व अन्य अधिकारियों की स्थिति तो और भी विषम है जो भभुआ के अन्यत्र क्षेत्रों में किराये के फ्लैट में रहते हैं. जहां उन्हें अपने-अपने विभाग की ओर से आवंटित वाहनों को लगाने की भी पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती.हालांकि इस ज्वलंत समस्या को लेकर गत दिनों कैमूर पहुंचे बिहार प्रशासनिक सेवा संघ राज्य इकाई के महासचिव सुशील कुमार के समक्ष अपर समाहर्ता एके श्रीवास्तव एवं अन्य वरीय उप समाहर्ता ने जिले के अधिकारियों को सरकारी आवास नहीं होने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था.इन आवासों में रह रहे अधिकारी जिलाधिकारी-सोन उच्चस्तरीय नहर कॉलोनी के निरीक्षण भवन में आरक्षी अधीक्षक-जिला परिषद के निरीक्षण भवन में एसडीपीओ-सोन उच्चस्तरीय नहर कॉलोनी के कर्मचारी आवास में

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