26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीर में चौकसी पर उठते सवाल

कश्मीर में बीते दिन चार आतंकी हमलों, जिनमें जवानों समेत 21 लोगों की जान चली गयी, से घाटी में शांति बहाली की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. आतंकियों से मिले पाकिस्तान निर्मित सामानों से फिर पुष्टि हुई है कि यह साजिश सीमा के पार रची गयी थी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के अब तक […]

कश्मीर में बीते दिन चार आतंकी हमलों, जिनमें जवानों समेत 21 लोगों की जान चली गयी, से घाटी में शांति बहाली की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. आतंकियों से मिले पाकिस्तान निर्मित सामानों से फिर पुष्टि हुई है कि यह साजिश सीमा के पार रची गयी थी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के अब तक दो चरणों के मतदान में जिस तरह बड़ी संख्या में लोगों ने धमकियों को नजरअंदाज कर वोट डाले, उससे सीमा पार बैठे भारत-विरोधी तत्वों की बौखलाहट स्वाभाविक है.
लेकिन, उनके नापाक मंसूबों पर लगाम लगाने में नाकामी से सरकार और सेना के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी कुछ जरूरी सवाल खड़े हुए हैं. गृह मंत्रलय के आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्तूबर तक कश्मीर में घुसपैठ की 130 से अधिक कोशिशें हुईं, जिनमें से 45 घटनाएं अगस्त से अक्तूबर के बीच हुई हैं. यही नहीं, भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 25 नवंबर तक युद्ध-विराम के उल्लंघन की 545 घटनाएं हो चुकी हैं.
लगातार होती ऐसी घटनाओं के बावजूद भारत सरकार पाकिस्तान के विरुद्ध अपनी शिकायतों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कारगर ढंग से उठाने में नाकाम रही है. बयानों और भाषणों में तो खूब खरी-खोटी सुनायी जा रही है, लेकिन कोई सुविचारित बड़ी कूटनीतिक पहल अब तक नहीं दिखी है. हर हमले और घुसपैठ के बाद सेना और सरकार की ओर से कहा जाता है कि आतंकी या तो पाक नागरिक थे या फिर सीमा पार प्रशिक्षित किये गये थे. लेकिन, आतंकियों से मिले ठोस सबूतों को दुनिया के सामने रख कर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने में वांछित कामयाबी नहीं मिली है. युद्ध-विराम का बार-बार उल्लंघन कोई साधारण बात नहीं है.
सेना के साथ सीमा और नियंत्रण रेखा के पास बसे नागरिक भी इसके शिकार हो रहे हैं. कश्मीर में सेना और अर्धसैनिक बलों के बड़ी संख्या में जवान लंबे अरसे से तैनात हैं. ऐसे में उरी जैसे हमले सतर्कता और इंटेलिजेंस की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करते हैं. उम्मीद है कि सरकार अपने अब तक के रवैये और इंतजामों पर आत्ममंथन करते हुए घाटी में बेहतर चौकसी के लिए ठोस कदम उठायेगी.चुनाव के बाकी चरणों में मतदाताओं का उत्साह बनाये रखने के लिए इस दिशा में त्वरित कार्रवाई जरूरी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें