फोटो- दिव्य 16- प्रवचन सुनते श्रद्धालु भक्त सतरकटैया . पूर्ण गुरु देह धारी नही होते हैं. गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान को आत्मसात कर सच्चे शिष्य अपने अंतर घट में ही परमात्मा के स्वरूप का दर्शन करते है. यह बातें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रविवार को आयोजित साप्ताहिक सतसंग प्रवचन एवं भजन संकीर्तन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आषुतोश महाराज जी के शिष्य स्वामी यादवेन्द्रानंन्द जी ने कही. भक्त श्रद्धालुओं को प्रवचन सुनाते उन्होंने कहा कि सच्चे साधकों को अपनी मन की मलीनता का त्याग कर गुरू द्वारा बताये मार्ग पर हमेशा निष्काम भाव से चलना चाहिए. गुरू हमेशा अपने शिष्यों के कल्याण के लिए ही कार्य करता है. इस कार्यक्रम में स्वामी कपिलदेवानंद, अजित कुमार, शालिनी भारती सहित सैकडों भक्त श्रद्धालु मौजूद थे.
गुरु को आत्मसात कर करें परमात्मा का दर्शन
फोटो- दिव्य 16- प्रवचन सुनते श्रद्धालु भक्त सतरकटैया . पूर्ण गुरु देह धारी नही होते हैं. गुरु द्वारा प्राप्त ज्ञान को आत्मसात कर सच्चे शिष्य अपने अंतर घट में ही परमात्मा के स्वरूप का दर्शन करते है. यह बातें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रविवार को आयोजित साप्ताहिक सतसंग प्रवचन एवं भजन संकीर्तन कार्यक्रम को […]
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