एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट और 24 हाइकोर्ट, जिला अदालतों और तालुका स्तर पर आयोजित दूसरे राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड लगभग 1.25 करोड़ मामलों का निष्पादन किया गया. इससे कुल लंबित मामलों में नौ फीसदी की कमी अयी. राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करनेवाली नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (नालसा) ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गोवा को छोड़ देश के सभी राज्यों में लोक अदालतें लगीं. जम्मू-कश्मीर और झारखंड में भी.नालसा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 53 में से 28 मामलों का निष्पादन किया. कुछ वित्तीय मामलों में तत्काल चेक प्रदान किये गये. मामले के निष्पादन के बाद देश भर में करीब 3,000 करोड़ रुपये लोगों को मिले. लोक अदालतों में परिवार विवाद, वैवाहिक, मोटर दुर्घटना, बैंक रिकवरी, छोटे-मोटे अपराध, राजस्व, मनरेगा मजदूरी और समाज कल्याण से जुड़े मुकदमों की सुनवाई हुई. लोक अदालत का उदघाटन करते हुए जस्टिस एआर दवे ने शनिवार सुबह कहा था कि लोक अदालत में आपसी सहमति से मुकदमों का निबटारा होता है. इसलिए यहां न किसी की जीत होती है, न हार. सब जीतते हैं. उन्होंने कहा कि लोक अदालत जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर, जस्टिस पीएन भगवती और जस्टिस ठक्कर को श्रद्धांजलि है. पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में तीनों माननीय जज मौजूद थे. तब उना में 600 से अधिक मामलों में से 95 फीसदी का निबटारा किया गया था.14 मार्च, 1982 को गुजरात के जूनागढ़ जिले के उना शहर में पहली बार लगी थी लोक अदालत
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राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.25 करोड़ मामलों का निबटारा
एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट और 24 हाइकोर्ट, जिला अदालतों और तालुका स्तर पर आयोजित दूसरे राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड लगभग 1.25 करोड़ मामलों का निष्पादन किया गया. इससे कुल लंबित मामलों में नौ फीसदी की कमी अयी. राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करनेवाली नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (नालसा) ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया […]
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