प्रतिनिधि, मुंगेर आदमी अपने स्वभाव को संयमित कर प्राणी मात्र की रक्षा करे तथा सृजनात्मक शक्ति द्वारा उसे मजबूत करे. मानवीय मूल्यों की रक्षा करना ही अणुव्रत का उद्देश्य है. ये बातें राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद संस्थान के विशिष्ट मार्गदर्शक डॉ हीरा लाल श्रीमाली ने लल्लू पोखर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि अणुव्रत आंदोलन न सिर्फ राष्ट्रीय चरित्र निर्माण वरन अहिंसक एवं व्यसन मुक्त समाज-संरचना की दिशा में गतिशील प्रेरणात्मक आंदोलन है. मानवता के मसीहा आचार्य तुलसी ने शैक्षिक पर्यावरण के सुधार से मानव मात्र रक्षार्थ राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद रूपी अनुपम अवदान प्रदान करते हुए बालकों को सद्संस्कारों से अनुप्रमणित करने के लिए शिक्षकों के सुसंगठन को अच्छा एवं उचित माध्यम बताया. उन्होंने कहा कि आज मानवीय जीवन संयम से उपेक्षित हो रहा है. प्रतिफल मादक पदार्थों का सेवन, सामाजिक कुरीतियां, आत्महत्या, भू्रण हत्या, प्रकृति प्रदत्त पदार्थों का दोहन आहार व वाणी का असंयम सांप्रदायिकता अपने पाव पसार रहे है. वर्तमान आधुनिक काल में मनुष्य की नैतिक स्तर गिरता जा रहा है. संकीर्णता से स्वार्थी मनोवृत्ति बढ़ती जा रही है. यहीं कारण है कि देश भ्रष्टाचार की दल-दल में फंसता जा रहा है. जिसके लिए अणुव्रत संदेश ‘संयममय जीवन हो’ दिया है. मौके पर राज्य संयोजक नवल किशोर प्रसाद सिंह, जिला संयोजक सुरेश मालाकार मौजूद थे.
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मानवीय मूल्यों की रक्षा अणुव्रत का उद्देश्य : श्रीमाली
प्रतिनिधि, मुंगेर आदमी अपने स्वभाव को संयमित कर प्राणी मात्र की रक्षा करे तथा सृजनात्मक शक्ति द्वारा उसे मजबूत करे. मानवीय मूल्यों की रक्षा करना ही अणुव्रत का उद्देश्य है. ये बातें राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद संस्थान के विशिष्ट मार्गदर्शक डॉ हीरा लाल श्रीमाली ने लल्लू पोखर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा […]
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