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इंदौर मेंटर बनने को तैयार
बोधगया में आइआइएम की स्थापना का रास्ता साफ पटना : बोधगया में आइआइएम की स्थापना के लिए इंदौर आइआइएम ने अपनी सहमति दे दी है. इसका मेंटर बनने के लिए तैयार हो गया है. शिक्षा विभाग को इसके लिए अपनी सहमति जता दी है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने मानव संसाधन […]
बोधगया में आइआइएम की स्थापना का रास्ता साफ
पटना : बोधगया में आइआइएम की स्थापना के लिए इंदौर आइआइएम ने अपनी सहमति दे दी है. इसका मेंटर बनने के लिए तैयार हो गया है. शिक्षा विभाग को इसके लिए अपनी सहमति जता दी है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने मानव संसाधन मंत्रलय को पत्र लिख कर बोधगया में आइआइएम स्थापित करने के लिए फिर से सहमति मांगी है.
पत्र में इंदौर आइआइएम की ओर से मेंटर बनने की सहमति का जिक्र करते हुए केंद्र को सहमति देने का अनुरोध किया गया है. तर्क दिया गया है कि पटना में जमीन नहीं मिल पा रही है, जितनी आइआइएम को चाहिए.
किसी भी आइआइएम की स्थापना के लिए आइआइएम के किसी न किसी शाखा को मेंटर बनना पड़ता है. उसी शाखा की देखरेख में नयी शाखा (आइआइएम) का निर्माण कार्य शुरू होता है. शुरुआत में वहीं के फैकल्टी पढ़ाने के लिए आते हैं. पटना में जमीन नहीं मिलने की वजह से जब राज्य सरकार ने मगध विश्वविद्यालय के कैंपस में आइआइएम की स्थापना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा, तो केंद्र समेत प्रस्तावित मेंटर (इंदौर आइआइएम) ने पटना के पास ही जमीन उपलब्ध कराने को कहा.
राजधानी में होने से ट्रेन, प्लेन समेत सड़क की सुविधाएं आसानी से मिल जातीं. शिक्षा विभाग ने इंदौर आइआइएम को मेंटर बनने के लिए राजी कर लिया है. उनसे कहा गया कि बोधगया में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है. ट्रेन और बस की बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. ऐसे में यहां का वातावरण भी अनुकूल है और बोधगया का अपना समृद्ध इतिहास रहा है. इसके अलावा विभाग ने यह भी तर्क दिया कि इंदौर आइआइएम भी राजधानी में नहीं है. अगर संस्थान राजधानी में खुले तो अन्य क्षेत्रों का विकास कैसे होगा? इन सभी तर्को को ध्यान में रखते हुए इंदौर आइआइएम मेंटर बनने के लिए राजी हो गया.
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