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खून से लथपत था लतीफ पर ‘गमछा हथियार’ में धब्बा तक नहीं!

– तसवीर : सुरेंद्र – जेल प्रशासन की कहानी पर उठ रहे हैं सवाल- पुलिस गमछा का करा सकती है फोरेंसिक जांचसंवाददाता, भागलपुर दो दिसंबर को कैंप जेल में कैदी लतीफ मियां की हुई हत्या मामले में जेल प्रशासन की कहानी पर सवाल उठने लगा है. जेल प्रशासन और चश्मदीद कैदियों का कहना है कि […]

– तसवीर : सुरेंद्र – जेल प्रशासन की कहानी पर उठ रहे हैं सवाल- पुलिस गमछा का करा सकती है फोरेंसिक जांचसंवाददाता, भागलपुर दो दिसंबर को कैंप जेल में कैदी लतीफ मियां की हुई हत्या मामले में जेल प्रशासन की कहानी पर सवाल उठने लगा है. जेल प्रशासन और चश्मदीद कैदियों का कहना है कि कैदी जंग बहादुर सिंह ने गमछा में ईंट-पत्थर का टुकड़ा बांध कर लतीफ मियां के सिर पर प्रहार किया. इससे लतीफ के सिर से खून निकलने लगा. लतीफ बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा. इसके बाद भी दो बार उस ‘गमछा हथियार’ से जंग बहादुर ने लतीफ के सिर पर वार किया. पुलिस को दिये बयान में घटना के चश्मदीद कैदी नवीन झा ने इस बात का समर्थन किया है कि जंग बहादुर ने कुल तीन प्रहार गमछा हथियार से लतीफ के सिर पर किया. जब पहले प्रहार में ही लतीफ के सिर से खून की धार बहने लगी तो दो बार और प्रहार के बाद गमछा हथियार में खून का दाग क्यों नहीं लगा. पुलिस ने गुरुवार को जेल से जो गमछा हथियार जब्त किया है, उसमें खून का निशान नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता है. गमछा हथियार की सच्चाई जानने के लिए पुलिस उसका फोरेंसिक जांच करा सकती है. जांच में यह स्पष्ट हो जायेगा कि गमछा में खून का निशान है या नहीं. अगर है तो वह किस ग्रुप का खून है. क्या वह खून कैदी लतीफ के ग्रुप से मिलता है या नहीं?पुलिस और जेल प्रशासन ने जिनका बयान लियाकक्षपाल निरंजन सिंहउच्च कक्षपाल प्रभु प्रसाद सिंहकक्षपाल रत्नेश साहाकक्षपाल सुनील पाठकबंदी नवीन झाबंदी गोवर्धन यादवबंदी अजय कुमार चौधरी

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