21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रामपाल से ही वसूली जाये रकम

पुलिस द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में पेश की गयी रिपोर्ट में स्वयंभू संत बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने में सरकार के कुल 26 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च हुए. इस कार्रवाई में बाबा के 909 समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद इन इनको लाने-ले जाने, खिलाने-पिलाने आदि का खर्च इसमें […]

पुलिस द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में पेश की गयी रिपोर्ट में स्वयंभू संत बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने में सरकार के कुल 26 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च हुए. इस कार्रवाई में बाबा के 909 समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद इन इनको लाने-ले जाने, खिलाने-पिलाने आदि का खर्च इसमें नहीं हैं.

यदि इसे भी जोड़ दिया जाये, तो ये राशि 30 करोड़ तक हो सकती है. अब सवाल यह पैदा होता है कि जितना पैसा इस बाबा को पकड़ने में खर्च हुआ, उतने में हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले एक लाख तीस हजार बच्चों को आठ साल तक मुफ्त पुस्तकें दी जा सकती थीं.

स्वयंभू संत यदि अदालती आदेश को मान कर अदालत में खुद हाजिर हो जाता तो सरकार को ये पैसा नाहक खर्च नहीं करना पड़ता. तथाकथित संत के रवैये से स्पष्ट होता है कि पैसे की इस बर्बादी के लिए वही जिम्मेवार है, तो फिर इस राशि को ब्याज के साथ उसी से क्यों न वसूला जाये? ताकि, भविष्य में कोई बाबा इस तरह से सरकारी पैसे को बर्बाद करवाने का दुस्साहस करने के पहले सौ बार सोचे. इससे सरकार, प्रशासन और अदालतों का मान-सम्मान भी बचेगा तथा बाबाओं को भी अपने दायरे में रहने को विवश होना पड़ेगा.

मुङो आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि अदालत जब बाबा रामपाल के मामले की सुनवाई करेगी, तो सरकारी पैसे की इस बर्बादी पर भी ध्यान देगी और समुचित फैसला देगी. यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सरकारी पैसे की बर्बादी पर अदालत कौन सा रुख अख्तियार करती है और आगे क्या कार्रवाई करती है. लेकिन इतना तो तय है कि यदि सरकारी पैसा बाबा से वसूला जाये, तो बेहतर होगा.

गणोश सीटू, ई-मेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें