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मेघालय के रेल नक्शे से जुड़ने के साथ मोदी ने रेलवे के निजीकरण का किया एलान

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेघालय के लिए पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसके साथ ही आजादी के छह दशक से अधिक समय बाद मेघालय आज देश के रेल नक्शे पर आ गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की वकालत की. प्रधानमंत्री ने मेघालय को जोड़ने वाली […]

गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेघालय के लिए पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसके साथ ही आजादी के छह दशक से अधिक समय बाद मेघालय आज देश के रेल नक्शे पर आ गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की वकालत की.
प्रधानमंत्री ने मेघालय को जोड़ने वाली पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कहा, ‘‘रेलवे सुविधाएं आज भी वैसी ही हैं, जैसी 100 साल पहले थीं, रेलवे स्टेशनों का निजीकरण और आधुनिकीकरण करें.’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं 10-12 जगहों पर ऐसा करुंगा. स्टेशनों को हवाई अड्डों से बेहतर होना चाहिए, क्योंकि गरीब लोग सबसे ज्यादा ट्रेनों में ही सफर करते हैं. हम आसानी से नीचे ट्रेन चला सकते हैं और सतह के ऊपर व्यवसायिक संपत्तियां हो सकती हैं.’’ उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब रियल एस्टेट बहुत महंगा है, रेलवे को निजी पक्षों को लक्जरी होटलों, रेस्त्रओं और दूसरी सुविधाओं के निर्माण की मंजूरी देकर अपनी संपत्तियों का फायदा उठाना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार इन जगहों पर यह काम पूरा हो जाए तो सरकार पूरे देश में स्टेशनों का आधुनिकीकरण करेगी.
मोदी ने आज मेंदीपथार-गुवाहाटी यात्री ट्रेन का शुभारंभ किया और मिजोरम में भैरबी-साईरंग लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के लिए आधारशिला रखी.मोदी ने कहा कि भारतीय रेल में देश की आर्थिक गतिविधि का आधार बनने की क्षमता है. उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल एक डिब्बा जोड़कर या एक स्टेशन बेहतर बनाकर खुश नहीं होंगे. हम रेलवे का संपूर्ण विकास चाहते हैं. यह भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन बन सकता है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश में रेलवे परिवहन के आधुनिकीकरण के लिए पहले ही 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे चुकी है.
मोदी ने कहा कि सरकार ने देश के चारों कोनों में चार रेल विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है, जहां रेल सेवा के सभी पहलुओं के बारे में पढाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रेलवे पर्यावरण अनुकूल जन परिवहन का एक माध्यम हो सकता है जो ग्लोबल वार्मिंग को रोकने की दिशा में भारत का एक योगदान होगा.
पूर्वोत्तर में परिवहन संपर्क के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर को विकसित करने के लिए बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण कारक है. अगर हम भारत को विकसित करना चाहते हैं तो हमें पूर्वोत्तर का विकास करना होगा.’’ दक्षिण कोरिया की अच्छी सड़कों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को विशेषकर इस क्षेत्र में अपनी क्षमता का फायदा उठाने के लिए बेहतर संपर्क होना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत का उच्च मध्यम वर्ग साल में एक या दो बार पर्यटन पर जाना चाहता है. वे अच्छी जगहों की तलाश करते रहते हैं. अगर संपर्क अच्छा होगा, तो वे पूर्वोत्तर आएंगे, क्योंकि यह प्राकृतिक सौंदर्य एवं प्यारे लोगों से भरा है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘एक बार बुनियादी ढांचा विकसित हो जाए तो बाकी सभी चीजें जनता कर लेगी.’’ प्रधानमंत्री ने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित कर पूर्वोत्तर को डिजीटल रूप से जोड़ने की भी वकालत की ताकि सबसे दूरदराज के इलाके में रहने वाले लोग भी साइबर जगत की सभी सुविधाओं का लाभ उठा सके.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ को आगे ले जाना होगा. हमारे पास ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ है और अब हमारे पास ‘पूर्व के लिए काम करो नीति’ होगी. उन्होंने कहा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास का केंद्र होगा.’’

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