नयी दिल्ली : रियल इस्टेट के प्रमुख कारोबारी डीएलएफ को उस समय बडी राहत मिली जब उच्चतम न्यायालय ने उसे 630 करोड रुपए के जुर्माने में से शेष 480 करोड का भुगतान किश्तों में करने की अनुमति दे दी. इस कंपनी पर प्रतिस्पर्धा आयोग ने अनुचित व्यापार व्यवहार के आरोप में यह जुर्माना लगाया था.
प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस कंपनी को आदेश दिया कि वह जुर्माने की राशि को 75 करोड रुपए प्रति किश्त के हिसाब से अगले साल 15 जनवरी से भुगतान करे डीएलएफ ने कल तक न्यायालय की रजिस्टरी में 150 करोड रुपए जमा कराये थे.
न्यायालय ने 27 अगस्त को अपने आदेश में कहा था कि उसकी रजिस्टरी किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में इस धनराशि का निवेश कर सकती है. डीएलएफ ने 630 करोड रुपए की जुर्माने की राशि का 26 नवंबर तक भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त करते हुये पिछले सप्ताह न्यायालय में एक अर्जी दायर की थी.
न्यायालय ने इस कंपनी से कहा था कि उसकी अपील पर विचार से पहले उसे इस रकम का भुगतान करना होगा. इस कंपनी ने जुर्माने की राशि का भुगतान करने के लिये छह महीने का समय मांगा था लेकिन न्यायालय ने उसे तीन सप्ताह के भीतर 50 करोड रुपए और फिर तीन महीने के भीतर 27 नवंबर तक शेष 580 करोड रुपए जमा करने का निर्देश दिया था.
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