श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बरकरार रखने के लिए उनकी पार्टी की लडाई चुनावी नहीं है बल्कि राज्य की राजनीतिक पहचान के लिए वैचारिक संघर्ष है.
उमर ने बीरवाह में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 के ह्रास को रोकने और जम्मू कश्मीर में आंतरिक स्वायत्तता बहाल करने की नेशनल कांफ्रेंस की मांग एक चुनावी लडाई नहीं है बल्कि उस संघर्ष का आधार है जिसके लिए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने जेल में 23 साल बिताये.’’
बीरवाह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड रहे उमर ने कहा, ‘‘शेख अब्दुल्ला ने अपनी करीब आधी जिंदगी जेल में चुनावी लडाई के तौर पर नहीं काटी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों के गोदामों से यूरिया या चावल चोरी के लिए सत्ता में नहीं आना चाह रहे. हम जमीन हडपना शुरु करने के लिए सत्ता में नहीं आना चाह रहे। हम जम्मू कश्मीर में भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को सुगम बनाने के लिए सत्ता में नहीं आना चाह रहे। हम इसलिए आपका वोट मांग रहे हैं ताकि हम फिर उस लडाई को लड सकें जो हमने 1953 में शेख साहब के नेतृत्व में लडी थी.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस जनता की रोजमर्रा की जरुरतों से जुडे विकास और शासन के लिए काम करने में विश्वास रखती है. हालांकि उन्होंने कहा कि विकास कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की जगह नहीं ले सकता.