हिसार: आस्था की आड़ में पाखंड व पाप का प्रसाद बांटने वाले जेल में बंद स्वयंभू संत रामपाल के बारे में हर रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं. आलम यह है कि पुलिस उसके आश्रम से एक ईंट हटाती है और वहां से कोई नया रहस्य निकल जाता है. अब जो जानकारी हाथ लगी है, उसके मुताबिक रामपाल ने पाप का जो साम्राज्य खड़ा किया था, उसमें स्वर्ग और भगवान की बड़ी भूमिका थी. वह अपने भक्तों को एक लाख रुपये में स्वर्ग भेजने का दावा करता था.
यही नहीं रामपाल भक्तों को भगवान से भी भेंट करने का सपना दिखाता था. यही नहीं रामपाल पोंजी स्कीम की तरह एजेंटों का जाल बिछा रखा था, जो भोले-भाले लोगों को फंसा कर लाता था व उससे पैसे ऐंठता था. यही कारण था कि रामपाल के भक्त उसके समर्थन में पुलिस के खिलाफ मरने-मारने को उतारू थे. वे रामपाल को गिरफ्तारी से बचाने के लिए ढाल बने हुए थे, क्योंकि रामपाल ने इन समर्थकों को भगवान से मिलाने का वादा किया था.
रामपाल की गिरफ्तारी पर 26 करोड़ से अधिक खर्च
चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट को शुक्रवार को जानकारी दी गयी कि रामपाल को गिरफ्तार करने और अवमानना मामले में उसे अदालत में पेश करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर 26.61 करोड़ रुपये खर्च किये गये. भारी सुरक्षा के बीच रामपाल को न्यायमूर्ति एम जयपॉल और न्यायमूर्ति दर्शन सिंह की पीठ के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने 23 दिसंबर तक अवमानना मामले में सुनवाई स्थगित कर दी. उस दिन रामपाल के साथ दो अन्य अवमाननाकर्ताओं राम कंवर ढाका और ओपी हुड्डा को फिर से अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. रामपाल की पेशी और उसकी गिरफ्तारी के सिलसिले में सुरक्षा व्यवस्था पर किये गये खचरें का ब्योरा सौंपने के लिए हाइकोर्ट के निर्देश जारी करने पर पंजाब एवं हरियाणा, केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ और कंेद्र ने अदालत के समक्ष 26.61 करोड़ के खर्च का ब्योरा सौंपा.एक हलफनामे में हरियाणा के डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने रामपाल की गिरफ्तारी पर 15.43 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की जानकारी दी.
हलफनामे में बताया गया कि हिसार में बरवाला स्थित सतलोक आश्रम से रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान इस खर्च में 2.19 करोड़ रुपये सार्वजनिक संपत्ति, सरकारी संपत्ति और फसल को क्षति, सात करोड़ दो आइजीपी रैंक के अधिकारियों समेत पुलिस अधिकारियों पर और पांच हजार से अधिक अन्य पुलिस अधिकारियों पर, 1.69 करोड़ रेलवे पुलिस पर, 2.36 करोड़ परिवहन खर्च के रूप में और 4.50 लाख रुपये सुरक्षा बल के भोजन पर खर्च किये गये. वहीं पंजाब और चंडीगढ़ हाइकोर्ट व अदालत में रामपाल को पेश करने के लिए व्यवस्था करने पर क्रमश: 4.34 करोड़ और 3.29 करोड़ खर्च किये. केंद्र ने कहा कि 20 नवंबर तक 3.55 करोड़ खर्च किये गये. भूरे रंग का स्लीवलेस जैकेट, नीली शर्ट और नेवी ब्लू रंग की पैंट पहने रामपाल अदालत कक्ष में सुबह साढ़े नौ बजे के करीब उपस्थित हुआ. समूची कार्यवाही के दौरान वह शांत दिखा.
एजेंट खोजते थे पेड भक्त
रामपाल ने चिटफंड कंपनियों की तरह एजेंटों का जाल बिछा रखा था, जो उसके लिए पेड भक्त ढूंढ़ते थे. चिटफंड कंपनियों के स्कीम और रामपाल के पाप स्कीम में फर्क सिर्फ इतना था कि वह किसी भी एजेंट को पैसे नहीं देता था.एजेंट की भूमिका उनके खास समर्थक निभाते थे जिन पर रामपाल को खुद से भी ज्यादा भरोसा था. वे दूरदराज के गांवों में घूमते और भोले-भाले लोगों को रामपाल के चमत्कार की कहानियां सुनाते. रामपाल के ये एजेंट गरीबों को सपने दिखाते कि रामपाल उनके सारे दुख और कष्ट दूर कर सकता है. उनकी सारी समस्याओं का समाधान कर सकता है.
वे भोले-भाले लोगों को बरगलाते कि रामपाल स्वर्ग भेजने की ताकत रखता है. ये एजेंट लोगों को बताते कि बाबा रामपाल भगवान से मिलाने की ताकत रखता है. जैसे ही कोई शख्स बाबा की चमत्कारिक ताकतों पर भरोसा कर लेता रामपाल के एजेंट उसे लेकर सतलोक आश्रम में पहुंच जाते और फिर शुरू होता आस्था और अंधविश्वास का खेल.पहली बार सतलोक आश्रम में पहुंचे समर्थकों को रामपाल कई तरह के सपने दिखाता और उनसे पैसे वसूलता. साथ ही समर्थकों को कसम खिलायी जाती कि हरेक समर्थक बाबा के लिए तीन नये भक्त लेकर आयेगा. फिर वो तीन नए भक्तों पर होती दूसरे नए भक्तों को लाने की जिम्मेदारी. ऐसा नहीं है कि रामपाल एक बार पैसे लेकर अपने भक्तों को बख्श देता था. दिलचस्प है कि बाबा ने वक्त के हिसाब से पैसे तय कर रखे थे. मतलब ये कि जैसे जैसे भक्त बढ़ते जाते वैसे- वैसे भगवान को देखने और स्वर्ग को महसूस करने का चार्ज बढ़ता जाता.
आखिर पैसा गया कहां
पुलिस के लिए अभी भी रामपाल के खजाने का रहस्य बना हुआ है. पुलिस को पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर रामपाल का इतना पैसा गया कहां. हिसार के एसपी के मुताबिक सतलोक आश्रम से मात्र 3.5 लाख रुपये ही बरामद हुआ व बैंक खाते से मात्र 24 लाख रुपये ही सीज किये गये. पुलिस को शंका है कि रामपाल ने करोड़ों रुपये जमा किये है जिसका अता-पता नहीं चल पाया है.