धनबाद. सिटी बसों का परिचालन एक नवंबर से होना था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण निगम की यह योजना भी टांय-टांय फिस्स हो गयी. लिहाजा जो दस से पंद्रह सिटी बसें चलती थी, वह बस भी खड़ी है. नगर निगम ने सिटी बसों को आउट सोर्स कर चलाने के लिए दो बार टेंडर निकाला, लेकिन किसी कंपनी ने भाग नहीं लिया. बसों की मरम्मत के लिए मांगे 88 लाख बसों की मरम्मत कर कंपनी को सौंपना है. लेकिन अब तक बसों की मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ. 65 खराब बसों की मरम्मत के लिए 88 लाख 87 हजार का बजट है. नगर निगम ने कई बार नगर विकास से पैसे की मांग की, लेकिन अब तक उधर से हरी झंडी नहीं मिली. लिहाजा टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. नगर आयुक्त एके बंका का कहना है : सिटी बसों की मरम्मत में होनेवाले खर्च का ब्योरा नगर विकास भेजा गया है. लेकिन अब तक राशि उपलब्ध नहीं हुई है. दो बार टेंडर में एक भी कंपनी नहीं आयी. एक बार और टेंडर निकाला जायेगा.
सिटी बसों का भी बुरा हाल
धनबाद. सिटी बसों का परिचालन एक नवंबर से होना था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण निगम की यह योजना भी टांय-टांय फिस्स हो गयी. लिहाजा जो दस से पंद्रह सिटी बसें चलती थी, वह बस भी खड़ी है. नगर निगम ने सिटी बसों को आउट सोर्स कर चलाने के लिए दो बार टेंडर निकाला, लेकिन […]
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