एजेंसियां, नयी दिल्लीपारदर्शी तरीके से रक्षा साज-ओ-सामान की त्वरित खरीद के उद्देश्य से नरेंद्र मोदी सरकार जनवरी तक एक नयी रक्षा खरीद नीति लाने पर विचार कर रही है, जिसमें निवेश आकर्षित करने के अलावा कंपनियों को काली सूची में डालने व ‘एजेंटों’ रखने के बारे में नये नियम होंगे. प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर रक्षा मंत्रालय में जबरदस्त मंथन चल रहा है. सूत्रों ने संकेत दिया कि यह रक्षा खरीद नीति का हिस्सा हो सकता है, जिसकी वार्षिक आधार पर समीक्षा होती है. या इसे अलग से भी पेश किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा, ‘मुख्य जोर यह पक्का करना है कि रक्षा बलों के लिए अत्यधिक जरूरी खरीद पारदर्शी लेकिन त्वरित ढंग से की जाये. नयी नीति इस साल के अंत तक या जनवरी की शुरुआत में आ सकती है.’ नयी नीति में कंपनियों को काली सूची में डालने के मुद्दे का भी समाधान किया जायेगा, क्योंकि आंख मूंद कर प्रतिबंध लगाये जाने से रक्षा बलों के हित प्रभावित हुए हैं, क्योंकि खरीद रुक जाती है. ऐसे मामलों में नाम तौल कर कदम उठाये जा सकते हैं. प्रस्तावित नीति में इस बात की रूप रेखा होगी कि विभिन्न प्रकार के अपराधों में किस स्तर की दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.’ गौरतलब है कि संप्रग सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के मामलों के चलते कई कंपनियों को काली सूची में डाल दिया गया था. इस तहर की पिछली कार्रवाई इतावली कंपनी फिनमेकैनिका के खिलाफ थी जो 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे से संबंधित थी.
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नयी रक्षा खरीद नीति विचाराधीन
एजेंसियां, नयी दिल्लीपारदर्शी तरीके से रक्षा साज-ओ-सामान की त्वरित खरीद के उद्देश्य से नरेंद्र मोदी सरकार जनवरी तक एक नयी रक्षा खरीद नीति लाने पर विचार कर रही है, जिसमें निवेश आकर्षित करने के अलावा कंपनियों को काली सूची में डालने व ‘एजेंटों’ रखने के बारे में नये नियम होंगे. प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर रक्षा मंत्रालय […]
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