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क्या आपको पता है कि लीडरशिप स्किल प्रकृति की देन है या शिक्षण की?

कहा जाता है कि लीडर पैदा नहीं होते बल्कि तैयार किए जाते हैं. लेकिन ये भी कहा जाता है कि नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है लीडर बनाए नहीं जा सकते. है ना विरोधाभासी बातें. फिर सवाल उठता है कि सच्चाई क्या है. क्या नेतृत्व क्षमता जन्म जात होती है या उन गुरुओं की अथक मेहनत […]

कहा जाता है कि लीडर पैदा नहीं होते बल्कि तैयार किए जाते हैं. लेकिन ये भी कहा जाता है कि नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है लीडर बनाए नहीं जा सकते. है ना विरोधाभासी बातें. फिर सवाल उठता है कि सच्चाई क्या है. क्या नेतृत्व क्षमता जन्म जात होती है या उन गुरुओं की अथक मेहनत होती है जो दिन रात मेहनत करते हैं किसी की लीडरशिप स्किल को डेवलप करने के लिए.

दरअसल हमें दोनों तरह के उदाहरण मिल जाएंगे. जहां सफल व्यवसायी का पुत्र या पुत्री भी सफल व्यवसायी बने हैं, तो वहीं कुछ असफल भी हुए हैं. राजनीति, खेल, सिनेमा जगत, कला से लेकर कई क्षेत्रों ऐसी सफलता और असफलता की मिसालें देखने को मिल जाएंगी.
कुछ लोग अवश्य ही भिन्न प्रकार की सोच और दार्शनिक दृष्टि के साथ पैदा होते हैं. इस तरह के उदाहरण हमको ये मानने को मजबूर करते हैं कि लीडरशिप की योग्यता जन्मजात भी होती है. इसके साथ ही इस भावना को भी बल देते हैं कि लीडर बनाना असंभव होता है.
फिर भी इस बात से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता कि लीडर्स भी बनाए जा सकते हैं. आप महजअपने वंशानुगत गुणों को अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए जिम्मेवार नहीं बना सकतें. अगर आपको लगता है कि आपके भीतर जन्मजात लीडरशिप की योग्यता नहीं है तो आपको चिंतित नहीं होना चाहिए.
विभिन्न प्रकार के शोधों से साबित हुआ है कि उचित मार्गदर्शन, शिक्षा, वातावरण और पारिवारिक माहौल भी आपके व्यक्तित्व संरचना के विकास में उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना कि उसके वंशानुगत गुण.
यह भी याद रखना जरूरी है कि लीडरशिप क्षमता का मतलब सिर्फ अत्यधिक मुखर व्यक्तितव और अधिक बोलचाल ही नहीं है बल्कि आपके अंदर का ज्ञान और व्यवहार कुशलता का लीडरशिप स्किल में महत्वपूर्ण स्थान है. लेकिन खास तौर पर तैयार किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों द्वारा अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा करना भी आपको लीडर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
इसलिए आपका व्यक्तित्व एवं पारिवारिक इतिहास के साथ प्रशिक्षण और माहौल का भी आपके लीडरशिप स्किल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है.
पेट्रा विलटन के मुताबिक लीडरशिप साईकिल चलाने जैसा है जैसे सभी लोग साइकिल चलाना जानते हैं लेकिन सभी ओलंपिक में मेडल नहीं जीतसकते.
आपके लिए उचित वातावरण शिक्षण, यथोचित प्रायोगिक शिक्षण पद्धति एवं सुशिक्षित अध्यापकों के निर्देश में अपने ज्ञान की वृद्धि के साथ व्यक्तित्व का विकास आवश्यक है. यही अनुभव और लगन आपको व्यापार जगत की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा.

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