काठमांडो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की और पांच भारतीय मछुआरों की सजा माफ कर उन्हें वापस भारत भेजने पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया. इन मछुआरों को मादक पदार्थों की कथित तस्करी के मामले में मौत की सजा सुनाई गयी थी.
करीब 30 मिनट तक चली बैठक में दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. मई में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दोनों की यह तीसरी मुलाकात है. राजपक्षे ने मई में मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लिया था जिसके बाद दोनों की द्विपक्षीय बातचीत हुई थी. बाद में दोनों की मुलाकात सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर हुई थी.
जब राजपक्षे से पूछा गया कि क्या मछुआरों की रिहाई पर मोदी ने उन्हें धन्यवाद दिया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेरा कहना है कि हमें मोदी की विदेश नीति के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए, उसी वजह से यह (मछुआरों की रिहाई) संभव हुई.’’
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत और श्रीलंका के बीच बहुत अच्छे रिश्ते हैं.’’ कथित मादक पदार्थ तस्करी के मामले में भारत के जिन पांच मछुआरों को मौत की सजा सुनाई गयी थी उन्हें पिछले हफ्ते राष्ट्रपति राजपक्षे ने माफ कर दिया और उन्हें छोड दिया गया.
मछुआरों को नवंबर 2011 में पकडा गया था और कोलंबो हाई कोर्ट ने 30 अक्तूबर को उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर राजपक्षे से फोन पर बात की थी जिसके बाद राजपक्षे ने मौत की सजा को माफ कर दिया.
श्रीलंकाई नेता ने दक्षेस को समर्पित उपग्रह के विकास और उसके प्रक्षेपण की मोदी की पहल का भी स्वागत किया. 18वें दक्षेस शिखर-सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने राजपक्षे को श्रीलंका में जनवरी में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए शुभकामनाएं दीं.
बाद में मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से भी मुलाकात की जिस दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों और समुद्री सहयोग पर चर्चा की.