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सार्क में मोदी ने नहीं लिया पाक का नाम, कहा – 26/11 कभी खत्म नहीं होने वाला दर्द

काठमांडू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सार्क शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए छह साल पहले मुंबई पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 26/11 के मुंबई के आतंकी हमले को हम अबतक नहीं भूले हैं, जिसमें हमारे निदरेष लोग मारे गये. उन्होंने कहा कि यह कभी खत्म नहीं होने […]

काठमांडू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सार्क शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए छह साल पहले मुंबई पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 26/11 के मुंबई के आतंकी हमले को हम अबतक नहीं भूले हैं, जिसमें हमारे निदरेष लोग मारे गये. उन्होंने कहा कि यह कभी खत्म नहीं होने वाला दर्द है. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद और सीमा पार अपराध से लड़ने के लिए हमने जो संकल्प किया है उसे पूरा करने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने दक्षिण एशियाई देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि आपसी मतभेद इस दिशा में बाधक हैं. उन्होंने कहा कि आपसी मतभेदों के कारण सार्क के विकास की रफ्तार धीमी है.
उन्होंने कहा कि हम पास-पास हैं, पर साथ-साथ नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि सार्क का गठन हुए 30 साल हो गये हैं, लेकिन दुनिया के दूसरे क्षेत्रीय सहयोग संगठनों की तरह यह संगठन कोई अहम उपलब्धि हासिल करने में अबतक सफल नहीं हो सका है.
प्रधानमंत्री ने दक्षिण एशियाई देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने अफगानिस्तान व बांग्लादेश के नये निर्वाचित राष्ट्रप्रमुखों को बधाई दी. प्रधानमंत्री ने इस आयोजन के लिए नेपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनका पहला सार्क सम्मेलन है.
प्रधानमंत्री ने अपने पूरे संबोधन में एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, जबकि उन्होंने सार्क के सदस्य दूसरे सभी देशों व वहां के राष्ट्र प्रमुखों का नाम लिया. प्रधानमंत्री ने सार्क के सदस्य देशों नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, अफगानिस्तान आदि के साथ द्विपक्षीय रिश्तों का उल्लेख किया. उन्होंने कई क्षेत्रों में सार्क देशों को सहयोग देने के लिए भारत की भूमिका का उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में हमें विशेषज्ञता हासिल है और हम दक्षिण एशिया को सुरक्षित बनाने के लिए सहयोग बढाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा पर्यटन, बुद्धिस्ट सर्किट सहित अन्य क्षेत्र में सहयोग बढाने पर जोर दिया. उन्होंने क्रॉस बार्डर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने पर जोर दिया. पीएम ने कहा कि हमारा विजन सार्क रिजन के लिए है और हम अपने कारोबारी रिश्तों को आसान बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कई क्षेत्रों में दक्षिण एशियाई देशों को सहयोग देने में भारत की भूमिका का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षेस शिखर सम्मेलन में कहा कि एक अच्छा पड़ोस पूरी दुनिया की आकांक्षा है और विश्व में सामूहिक प्रयासों की सबसे ज्यादा आवश्यकता दक्षिण एशिया में है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जब सार्क देशों की बात करते हैं तो हमें निराशा व संशय मिली प्रतिक्रिया सुनने को मिलती है.
उन्होंने दक्षिण एशियाई देशों के बीच वाणिज्य-व्यापार बढाने पर जोर देते हुए कहा कि सार्क देशों के लिए भारत तीन से पांच साल के लिए बिजनेस वीजा देगा. उन्होंने इलाज के लिए भारत में आने वालों के लिए तत्काल मेडिकल वीजा व रोगी के एक सहायक को भी वीजा देने का एलान किया. उन्होंने कहा कि हमारी योजना है कि 2016 में दक्षेस दिवस तक हम दक्षेस क्षेत्र के लिए अपना उपग्रह प्रक्षेपित कर लें. इससे कृषि व मौसम के क्षेत्र में मदद मिलेगी.

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