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सारधा चिटफंड घोटाला: जांच से तिलमिलायी सत्तारूढ़ पार्टी ममता का शक्ति प्रदर्शन

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में अपने कई नेताओं की गिरफ्तारी से तिलमिलाई तृणमूल कांग्रेस की सोमवार को कोलकाता की सड़कों पर रैली निकली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली का नेतृत्व किया और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. कॉलेज स्क्वायर से धर्मतल्ला तक निकले जुलूस के बाद उन्होंने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार के […]

कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले में अपने कई नेताओं की गिरफ्तारी से तिलमिलाई तृणमूल कांग्रेस की सोमवार को कोलकाता की सड़कों पर रैली निकली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली का नेतृत्व किया और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. कॉलेज स्क्वायर से धर्मतल्ला तक निकले जुलूस के बाद उन्होंने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई को दिल्ली ले जाने की चेतावनी दी.

सीबीआइ की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए ममता ने आरोप लगाया कि यह सबकुछ भाजपा का किया धरा है. भाजपा के खिलाफ लड़ाई दिल्ली तक जायेगी. यह लड़ाई प्रतिवाद के अलावा राजनीतिक स्तर पर भी होगी. भाजपा को जहां उन्होंने दंगा करने वाली पार्टी करार दिया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बगैर उन पर करारा हमला बोला. प्रधानमंत्री के अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सवाल उठाते हुए उन्हें ‘सेल्फी’ में लिप्त रहनेवाला और ‘सेल्फी दंगा गुरु’ बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने विभिन्न चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च किये हैं.

वह पैसे कहां से आये हैं भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए. भाजपा के खिलाफ लड़ाई का बिगुल फूंकते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा एक सीट (विधानसभा) से शून्य पर आ जायेगी. वह उसे दिल्ली में भी देख लेंगी. भाजपा द्वारा मीडिया को अपने पक्ष में कर लेने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सीबीआइ को भी जम कर कोसा. उन्होंने कहा कि आखिर कैसे सीबीआइ के अगले कदम की जानकारी मीडिया को मिल जा रही है. मीडिया उसे सूत्रों के हवाले से खबर बताता है. लेकिन यह समझ लेना चाहिए कि सूत्र मतलब ‘शैतान’है. हालात को स्पष्ट करने के लिए सीबीआइ को औपचारिक रूप से बयान जारी करना चाहिए. सारधा घोटाले से तृणमूल कांग्रेस को पूरी तरह दोषमुक्त करार देते हुए ममता ने कहा कि आज तक उन्होंने इसका पांच पैसा भी नहीं खाया है. आरोप लगाने वालों को इसे प्रमाणित करना चाहिए वरना माफी मांग लेनी चाहिए.

लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे

ममता ने कहा: मैं आमतौर पर सड़कें रोककर सभाएं नहीं करतीं लेकिन हमें ऐसा करना पड़ा और अगर जरूरत हुई तो हम फिर ऐसा करेंगे और दिल्ली में भी ऐसा करेंगे. उन्होंने कहा: मुङो नहीं पता कि आपने दूसरों के साथ क्या किया है लेकिन अगर आप बंगाल के साथ कुछ गलत करते हैं तो बंगाल से ज्यादा विरोध की आवाज कहीं नहीं उठेगी. आपको राजनीतिक और लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया जायेगा. ममता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘उन्हें किसने काट लिया? रॉयल बंगाल टाइगर तो अभी तक वहां नहीं गया, उसे तो अभी तक छोड़ा भी नहीं गया, तो किसने उन्हें काट लिया.’

काले धन पर भाजपा को घेरा

काले धन के मुद्दे पर भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए ममता ने कहा, ‘काला धन कहां है? काला धन वापस लाओ या फिर हम आपको काली कुर्सियों पर बैठाकर आपका मुखौटा उतारेंगे.’ उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा चुनाव प्रचार में हजारों करोड़ रपये खर्च कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘रेलवे, बीमा, खुदरा बाजार, पेंशन और रक्षा में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जा रही है.’ ममता ने कहा, ‘उन्हें देश को बेचने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलेगा लेकिन यह नहीं पता कि वह किसे संतुष्ट करने के लिए ऐसा कर रहे हैं.’ गुजरात दंगों के संबंध में मोदी के खिलाफ आरोपों को दोहराते हुए ममता ने कहा, ‘आपने गुजरात में बहुत खून बहाया है लेकिन बंगाल को बख्श दीजिए. आपने बहुत दंगे कराये हैं लेकिन हम यहां दंगे नहीं चाहते. हम शांति से रहना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब भी चुनाव आते हैं, बांग्लादेश का मुद्दा आ जाता है. बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा किसका है? केंद्र सरकार, यह आपका मुद्दा है.’ ममता ने कहा, ‘बांग्लादेशी किस तरह भारतीय नागरिक बन रहे हैं. यह केंद्र का मुद्दा है.’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र की है.

ममता ने कहा, ‘आपने सीमा पर बाड़ क्यों नहीं लगवाई? हम चाहते हैं कि तस्करी रुके, लेकिन आपके लोग रिश्वत के लिए यह सब जारी रहने देंगे तो हम क्या कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम यहां खुले में खड़े हैं. अगर आपको हमारी गिरफ्तारी से खुशी मिलती है तो ऐसा कर लो और जेल तैयार करो. बंगाल की धरती पर भ्रष्टाचार नहीं पहुंचा है, यहां के लोग ईमानदार हैं.’

बीते दिनों को याद किया

डोरिना क्रासिंग पर अस्थाई मंच से संबोधित करते हुए वाम मोरचा के खिलाफ अपने विरोध के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसी जगह पर मैंने 26 दिन तक अनशन किया था. इसी जगह पर मैंने जन अधिकारों के लिए 21 दिन तक प्रदर्शन किया था. इसी जगह पर हमारे 13 युवकों की कुछ पुलिस वालों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसी जगह पर हमने 35 साल तक संघर्ष किया है और अब भी कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि चिट फंड को राज्य सरकार नियंत्रित नहीं करती और केंद्र सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा, ‘चिटफंड भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी के अधीन आते हैं. आपने कार्रवाई क्यों नहीं की?’

एक दिसंबर को तृणमूल युवा कांग्रेस की सभा

भाजपा के खिलाफ पुरजोर लड़ाई का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों को आगामी 26 नवंबर को जुलूस निकालना चाहिए. चाहें तो इसमें से राजनीतिक झंडे को अलग भी कर सकते हैं. उन्होंने हॉकरों को भी भाजपा के खिलाफ सड़क पर उतरने को कहा. कहा कि वह हॉकरों को सभी अधिकार देने वाली हैं. सभा में ममता ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात शिष्टाचार में हुई थी. ममता ने बताया कि आगामी एक दिसंबर को तृणमूल युवा कांग्रेस की धर्मतल्ला के शहीद मीनार में सभा होगी, जिसमें वह खुद मौजूद रहेंगी.

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