सुपौल : विकल्पहीनता की वजह से लोकसभा चुनाव में भाजपा को मौका मिला. वोट के लिए झूठे वादे किये गये और अफवाह फैलाये गये. भाजपा कनफुकवा पार्टी है. आप सक्रिय, सजग और सचेत रहें, क्योंकि बिहार का निर्माण करना है. हमारा रास्ता ईमान, इंसाफ व तरक्की का है. ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिमराही स्थित लखीचंद साहु उच्च विद्यालय परिसर में रविवार को संपर्क यात्र सह राजनीतिक सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किये गये. बिहार पर विशेष ध्यान देने की बात कही गयी, लेकिन स्थिति यह है कि राज्य को वाजिब हक से भी वंचित किया जा रहा है मौके पर प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, सांसद रामनाथ ठाकुर, संतोष कुशवाहा, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, सुजाता देवी, अमला देवी, विधान पार्षद हारुण रसीद आदि मौजूद थे.
काले धन पर चुपी क्यों
नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी के भाषणों के टेप को सुनाते हुए कटाक्ष किया कि विदशों से कालाधन लाने का दावा किया गया था. साथ ही सभी के खातों में 15 से 20 लाख रुपये देने की बात कही गयी थी. पर, क्या हुआ. अब उनकी भाषा बदल चुकी है.
जो वादा किया, वह हमने निभाया
श्री कुमार ने कहा कि 15 अगस्त, 2012 को गांधी मैदान में झंडोत्ताेलन के बाद हमने कहा था कि बिजली की स्थिति नहीं सुधरी, तो 2015 में वोट मांगने नहीं जायेंगे. अब तक 20 हजार गांवों में हमने बिजली पहुंचायी, जहां 500 से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था वह बढ़ कर 2900 मोगावाट हो गया.
गांव में बिजली पहुंचने से टीवी चलने लगे और उस पर विज्ञापन आने लगे. नतीजा यह हुआ कि बच्चे भी कहने लगे ‘अबकी बार मोदी सरकार’ और बिजली का फायदा भाजपा उठा ले गयी. इसलिए प्रचार तंत्र के माध्यम से भ्रम व अफवाह फैलानेवालों से सतर्क रहें और उसे नाकाम कर दें.
पता नहीं भाजपा के कितने मुंह : शरद
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि देश 68 वर्ष में जिस हालत में पहुंच गया है वैसी हालत पहले कभी नहीं थी. गिरिराज सिंह जैसे लोग मंत्री बन गये हैं, जो अनाप-शनाप बोलते हैं. उन्होंने कहा कि मुहब्बत पर भी पहरा लगा दिया गया है. ये लव जेहाद की बात करते हैं. भाजपा के कितने मुंह हैं पता नहीं चलता. देश संकट में है और यह पार्टी की लड़ाई नहीं, आपकी लड़ाई है. इसके लिए आपको अपनी बात गांव-गांव तक पहुंचानी होगी.