भोपाल. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सीआइडी के समक्ष जेल के अंदर अत्याचार और अमानवीय व्यवहार को लेकर बयान दर्ज कराया है. प्रज्ञा सिंह के मुताबिक, एटीएस के जवानों ने न सिर्फ उनकी पिटाई की, बल्कि उनके लिए वेश्या शब्द का भी इस्तेमाल किया. 2008 के मालेगांव ब्लास्ट के अरोप में छह साल से जेल में बंद साध्वी का बयान दर्ज करने महाराष्ट्र से आयी टीम के साथ दो महिला पुलिस अधिकारी भी थीं. बयान के मुताबिक, प्रज्ञा को 10 अक्तूबर, 2008 को मुंबई एटीएस की टीम ने फोन करके सूरत बुलाया था. वहां एटीएस ने उनके द्वारा बेची गयी बाइक के बारे पूछताछ की. बाद में, एटीएस की टीम उन्हें यह कह कर अपने साथ मुंबई ले गयी कि वह अधिकारियों के आगे यह जानकारी दें. इसके बाद वह लौट सकती हैं. मुंबई एटीएस की टीम ने 11 अक्तूबर, 2008 से उनके साथ पिटाई और अमानवीयता का दौर शुरू किया, जो 23 अक्तूबर तक जारी रहा. मुंबई एटीएस के अधिकारी चाहते थे कि साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट में अपनी भूमिका स्वीकार कर ले, लेकिन ऐसा नहीं करने पर पहले उनकी पिटाई की गयी.
सारी हदें लांघ दी एटीएस : साध्वी प्रज्ञा
भोपाल. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सीआइडी के समक्ष जेल के अंदर अत्याचार और अमानवीय व्यवहार को लेकर बयान दर्ज कराया है. प्रज्ञा सिंह के मुताबिक, एटीएस के जवानों ने न सिर्फ उनकी पिटाई की, बल्कि उनके लिए वेश्या शब्द का भी इस्तेमाल किया. 2008 के मालेगांव ब्लास्ट के अरोप में छह साल से जेल […]
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