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26 जनवरी के मुख्‍य अतिथि ओबामा से शरीफ ने कहा, कश्मीर पर भारत से बात करें

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण गणतंत्र दिवस समारोह में भारत आने की तैयारी में अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने जैसे ही पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की, नवाज ने कश्‍मीर राग अलापना शुरू कर दिया. मियां नवाज ने ओबामा को पाकिस्‍तान आने का न्‍योता भी दे डाला. शरीफ […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण गणतंत्र दिवस समारोह में भारत आने की तैयारी में अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने जैसे ही पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की, नवाज ने कश्‍मीर राग अलापना शुरू कर दिया. मियां नवाज ने ओबामा को पाकिस्‍तान आने का न्‍योता भी दे डाला.
शरीफ ने ओबामा से कहा है कि अगले साल जनवरी में अपनी भारत यात्रा के दौरान भारतीय नेतृत्व के समक्ष वह कश्मीर का मुद्दा उठाएं क्योंकि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान एशिया में स्थायी शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है.
ओबामा और शरीफ ने द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय हालात पर भी चर्चा की. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, उन्होंने (शरीफ ने) राष्ट्रपति ओबामा से आग्रह किया कि भारतीय नेतृत्व के समक्ष वह कश्मीर के मुद्दे को उठाएं क्योंकि इसका शीघ्र समाधान एशिया में स्थायी शांति, स्थिरता और आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है.
फोन पर बातचीत के दौरान शरीफ ने संबंधों को आगे ले जाने के लिए इस साल के अपने भारत दौरे का भी हवाला दिया. शरीफ इस साल मई में आम चुनावों में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नयी दिल्ली गए थे.
हर बार सीजफायर का उल्‍लंघन पहले करने वाला पाकिस्‍तान कहता है कि भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द करने और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी (जिसमें नागरिक हताहत हुए) सहित एक के बाद एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे जाहिर होता है कि भारत पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने के खिलाफ है.
कश्‍मीर अलगाववादियों से बातचीत करने के अपने गलत इरादे को छुपाते हुए नवाज ने कहा कि पाकिस्तान द्विपक्षीय बातचीत बहाल करने के लिए तैयार है, यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह इस संदर्भ में अनुकूल माहौल पैदा करे.
शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति को इस साल वाशिंगटन में पाकिस्तान आने के लिए दिए गए न्यौते के बारे में याद दिलाया और उन्हें यह बताया कि पाकिस्तानी अवाम भविष्य में ओबामा का स्वागत करने की आकांक्षी है. इसपर ओबामा ने कहा कि वह शीघ्र ही किसी तारीख पर तब पाकिस्‍तान का दौरा करेंगे जब देश में स्थिति सामान्य हो जायेगी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजकीय अतिथि के रूप में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को आमंत्रित किया है. इस बीच, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ओबामा ने नरेंद्र मोदी के न्योता को कबूल कर लिया है और वे गणतंत्र दिवस पर देश के मुख्य अतिथि होंगे. व्‍हाइट हाउस ने प्रेस बयान जारी कर स्‍वीकार किया है कि बराक ओबामा गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने भारत आयेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि इस बार गणतंत्र दिवस पर हमारे दोस्त बराक ओबामा मुख्य अतिथि हो सकते हैं. उन्होंने लिखा है कि वे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के आखिरी सप्ताह में अमेरिका के दौरे पर गये थे.
उस दौरान मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोरदार स्वागत किया था और गुजराती में उनसे पूछा कि मिस्टर पीएम केम छो (प्रधानमंत्री आप कैसे हैं). अमेरिका में दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर समझौता किया था. दोनों नेताओं ने कूटनीतिक रिश्तों को निजी स्तर पर लाने की भी कोशिश की.
इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने ओबामा को महान अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के भारत दौरे के दौरान का वीडियो व कुछ अन्य चीजें उपहार में दी, वहीं ओबामा उन्हें अपने साथ मार्टिन लूथर किंग की समाधि पर भी ले गये.

इसके बाद अभी म्यांमार और उसके बाद आस्ट्रेलिया में भी दोनों नेताओं की गर्मजोशी से मुलाकात हुई. ओबामा ने पीएम मोदी को मेन विद् एक्शन करार दिया. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों में एक नयी गर्मजोशी आयी है. दोनों देश वाणिज्य, व्यापार के साथ सामरिक मोर्चे पर भी बड़ी साङोदारी करने को तैयार हैं. चीनी प्रभुत्व को रोकने व और आतंकवाद के खतरे को रोकने के मद्देनजर भी अमेरिका और भारत की दोस्ती अहम है.
ओबामा की यात्रा की तैयारियों के लिए निशा बिसवाल करेंगी भारत का दौरा
व्हाइट हाउस द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगले साल जनवरी में भारत यात्रा की पुष्टि किए जाने के चंद घंटे बाद विदेश विभाग ने आज घोषणा की कि वह राष्ट्रपति की ऐतिहासिक यात्रा की रुपरेखा तय करने के लिए अगले हफ्ते एक शीर्ष राजनयिक को भारत भेजेगा. विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों की उप विदेश मंत्री निशा बिसवाल चर्चा और द्विपक्षीय बैठकों के लिए नयी दिल्ली जाएंगी.
विदेश विभाग का फैसला व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद आया कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के आमंत्रण पर राष्ट्रपति जनवरी 2015 में नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने भारत जाएंगे. बिसवाल 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक की अपनी यात्रा के दौरान काठमांडो भी जाएंगी और 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक देश के रुप में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगी. इसमें प्रधानमंत्री मोदी सहित दक्षेस देशों के नेता शामिल होंगे.

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