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अदाणी व किसान क्रेडिट कार्ड के सवाल पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया है. कांग्रेस की ओर से एक प्रेस-वार्ता में पार्टी के नेता अजय माकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी हितों के लिए स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपने सामने अदाणी समूह को […]

नयी दिल्‍ली : कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया है. कांग्रेस की ओर से एक प्रेस-वार्ता में पार्टी के नेता अजय माकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी हितों के लिए स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपने सामने अदाणी समूह को 6200 करोड़ रुपये का ऋण दिलवाया.

पूरी तैयारी के साथ मीडिया के सामने आये माकन ने कहा कि अदाणी समूह के पास पहले से ही 72000 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है, साथ ही कंपनी लगभग तीन करोड़ रुपये का डिफाल्‍टर भी है. ऐसे में एसबीआई ने किस आधार पर अदाणी को ऋण दिया है.

माकन ने कहा कि जिन-जिन उद्योगपत्तियों ने चुनाव में भाजपा को मदद पहुंचायी है, अब मोदी उन्‍हें मदद पहुंचा रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि मोदी ने अदाणी को आस्‍ट्रेलिया में कोयला खनन कर भारत की आवश्‍यकताओं का पूरा करने के लिए कहा. जबकि अगले दो सालों में भारत अपने ही कोयले से अपनी जरुरतों को पूरा कर सकता है.

माकन ने आरोप लगाया कि एक सोची समझी चाल के तहत अदाणी समूह के गौतम अदाणी पीएम मोदी के साथ ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर गये और वहीं उनकी सेटिंग हो गयी. माकन ने कहा कि एक अखबार के मुताबिक जब अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के छह बैंकों ने अदाणी को ऋण देने से इंकार कर दिया था, तब एसबीआई इस कंपनी को ऋण देने के लिए किस आधार पर तैयार हो गया.

इससे साफ जाहिर होता है कि पीएम मोदी के हस्‍तक्षेप के बाद एसबीआई अदाणी को ऋण दे रही है. गौरतलब है कि एसबीआई और अदाणी माइनिंग के बीच एक एमओयू हुआ है, जिसके तहत एसबीआई अदाणी माइनिंग को 6200 करोड़ रुपये ऋण देगी. अदाणी माइनिंग इस पैसे का उपयोग ऑस्‍ट्रेलिया के क्‍वींसलैंड में कोयला खनन के लिए करेगी. उसी कोयले से भारत की कोयला आवश्‍यकताओं को पूरा करने की योजना है.

‘जन-धन योजना’ के पैसे उद्योगपतियों को दे रही है सरकार
अजय माकन ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जन-धन योजना’ के तहत बैंकों में जमा धन का उपयोग उद्योगपतियों के हितों के लिए कर रहे हैं. बैंकों की ओर से इस पैसे को उद्योगपतियों को दिया जा रहा है. इसी उद्देश्‍य से आम जनता को बरगला कर उनकी गाढी कमाई को बैंकों में जमा करवाया गया और अब सरकार उन पैसों का दुरुपयोग कर रही है.
सरकार ने दावा किया था कि विदेशों में जमा काला धन स्‍वदेश लायेंगे और जनता के बीच 15-15 लाख रुपये बांट देंगे. सरकार अपने वादे से मुकर गयी है और कालेधन वालों को बचाने के साथ जनता की कमाई को भी लुटा रही है.
किसान विकास पत्र से आतंकवाद को सहायता पहुंचाने का आरोप
अजय माकन ने कहा कि पूर्व की सरकार ने एक समिति बनायी थी जिसकी अनुशंसा पर किसान विकास पत्र को बंद कर नेशनल सेविंग स्‍कीम चलाया गया था. मोदी सरकार ने फिर से किसान विकास पत्र शुरू कर भ्रष्‍टाचार को बढावा देने का काम किया है. माकन ने कहा कि पूर्व की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि किसान विकास पत्र पैसे देकर खरीदे जा सकते है.
इसका स्‍थानांतरण भी काफी आसानी से हो सकता है. कालेधन को सफेद धन में बदलने के लिए किसान विकास पत्र का आसान से उपयोग किया जा सकता है. इसके साथ ही समिति ने कहा था कि किसान विकास पत्र के माध्‍यम से आतंकवादियों को मदद भी पहुंचायी जा सकती है. इस प्रकार अगर मौजूदा सरकार किसान विकास पत्र को प्रोत्‍साहित करती है तो वह सीधे तौर पर आतंकियों को मदद पहुंचा रही है.

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