मुंबई : एन श्रीनिवासन को आईपीएल- 6 की भ्रष्टाचार की जांच में उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति मुद्गल समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद टेस्ट मैचों का नियमित आयोजन करने वाले बीसीसीआई के तीन शक्तिशाली संघों मुंबई, विदर्भ और पंजाब को बोर्ड के सत्ताधारी गुट की कडे रवैये का सामना करना पड़ सकता है.
बीसीसीआई कार्यकारिणी की सूत्र के अनुसार, बोर्ड की कार्यकारिणी में इस बात पर चर्चा हुई कि श्रीनिवासन को क्लीन चिट मिलने के बाद बोर्ड को मामले में जितना खर्च करना पड़ा उसकी उगाही के लिये मुंबई क्रिकेट संघ, पीसीए और वीसीए पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए.
सूत्र से पूछा गया कि इन संघों पर ही जुर्माना क्यों लगाने की बात की गयी, उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि इन संघों से जुडे कुछ पूर्व और वर्तमान प्रशासक श्रीनिवासन के खिलाफ मामला दर्ज करने वाले आदित्य वर्मा का समर्थन कर रहे थे जो कि गैर मान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के प्रतिनिधि हैं.
संयोग से एमसीए के अध्यक्ष शरद पवार हैं जिन्हें बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का विरोधी माना जाता है तथा दो अन्य संघों से शशांक मनोहर और आईएस बिंद्रा जुडे रहे हैं. ये दोनों भी श्रीनिवासन के खिलाफ रहे हैं. एमसीए में आशंका जतायी जा रही है कि इस शक्तिशाली संघ पर न केवल जुर्माना लगाया जा सकता है बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय मैचों से भी वंचित किया जा सकता है.