कानपुर : क्या कोई पिता अपनी पुत्री को आत्महत्या के लिए प्रेरित कर सकता है? यह सवाल यहां इसलिए लाजिमी है, क्योंकि शहर के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर पर अपनी 22 साल की बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. प्रोफेसर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध थे.
पुलिस ने बताया कि तीन दिन पहले 16 नवंबर को किया गया एक स्पीड पोस्ट उन्हें मिला है जिसके आधार पर उन्होंने प्रोफेसर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केएस इमैन्युअल ने आज बताया कि उक्त लड़कीकी मृत्यु से एक दिन पहले 16 नवंबर को एक स्पीड पोस्ट सेवानिवृत्त प्रोफेसर अजीत सिंह राठी को भेजा गया था.
कल इस स्पीड पोस्ट को पुलिस ने घरवालों से अपने कब्जे में ले लिया. इसमें लडकी ने अपने पिता से परेशान होने और उसका उत्पीड़न किये जाने का जिक्र किया है.उन्होंने कहा कि लिखावट विशेषज्ञ से पत्र की जांच करायी जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में इस पत्र को किसने पोस्ट किया था? उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पत्र के आधार पर पिता अजीत पर मामला दर्ज किया गया है. हालांकि अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.
पुलिस मामले की जांच करते हुए अजीत व बाकी परिवार वालों से लगातार पूछताछ कर रही है. गौरतलब है कि 17 नवंबर 2014 को नगर के आजादनगर इलाके में ऑफिसर्स कॉलोनी में एक महिला बुरी तरह से जली हुई मिली थी. पुलिस ने बाद में उसकी पहचान चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राठी की बेटी के रूप की थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह बात साफ हो गयी कि उसकी मौत जलने के कारण हुई है.