वाशिंगटन : उच्च शिक्षा के लिए भारत छोडकर अमेरिका जाकर महत्वपूर्ण डिग्री लेने वाले छात्रों की संख्या में बढावा हुआ है. लगातार भारत जैसे देश में प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों जैसे आइआइटी, आइआइएम और एम्स की संख्या में वृद्धिके बावजूद भारतीय छात्र अपनी उच्च शिक्षा देश के बाहर पश्चिमी देशों से ही करना उचित समझते हैं.
यह आश्चर्यजनक बात एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संस्थान द्वारा कराए गये एक सर्वे में सामने आयी है. सर्वे में पाया गया कि पिछले तीन सालों से अमेरिका मे जाकर पढने वाले छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आयी थी. लेकिन इस शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढकर 1,02,673 हो गयी है, जो पिछले सत्र की तुलना में करीब 6 फीसदी अधिक है.
ओपन डोर्स 2014 के सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2000 के पहले सप्ताह में आयोजित अंतरराष्ट्रीयसप्ताह से लेकर अबतक अमेरिका के पढने आने वाले छात्रों की संख्या में 72 फीसदी का इजाफा हुआ. रिपोर्ट में बताया गया कि इस शैक्षनिक सत्र छात्रों की कुल संख्या 8,86,053 पहुंच चुकी है.
रिपोर्ट में बताया गया कि सत्र 2013-14 में अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में 66,408 अधिक छात्रों ने नामांकन कराया. रिपोर्ट में कहा गया कि यह संख्या यहां स्नातक स्तर पर हुए दाखिले के कारण बढी है. इसमें एक रोचक बात सामने आयी कि अमेरिका में पढने आए बाहरी छात्रों में से करीब 50 फीसदी छात्र भारत और चीन के रहने वाले हैं.
अमेरिका में पढने आए छात्रों में ज्यादातर भारत, चीन और दक्षिण कोरिया से आते हैं. रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन सालों में भारत और चीन के छात्रों से आए छात्रों में बढोतरी हुई, जबकि दक्षिण कोरिया के छात्रों की संख्या में कमी आयी.