नयी दिल्ली : कुछ वर्ष पहले तक भारतीय क्रिकेट टीम की कल्पना वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के बिना नहीं की जा सकती थी. सहवाग और गंभीर टीम के आधार स्तंभ हुआ करते थे. लेकिन आज परिस्थितियां बिलकुल भिन्न है.
लगातार गिरते प्रदर्शन के कारण ये दोनों खिलाड़ी लंबे समय से टीम से बाहर हैं और इनकी वापसी की संभावना भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है. यही कारण है कि क्रिकेट के इन दोनों दिग्गजों ने देवधर ट्राफी में नहीं खेलने का फैसला किया है.
टीम की अगुवाई ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह करेंगे. राष्ट्रीय चयनकर्ता विक्रम राठौड़ की अगुवाई वाली उत्तर क्षेत्र चयन समिति ने विजय हजारे ट्राफी उत्तर क्षेत्र चरण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सभी खिलाडि़यों को देवधर की टीम में रखने का फैसला किया.
उत्तर क्षेत्र चयन समिति के एक सदस्य ने कहा, आज चयन समिति की बैठक की शुरूआत में अध्यक्ष विक्रम राठौड़ ने बताया कि वीरु ने खास तौर पर कहा है कि वह देवधर ट्राफी में नहीं खेलना चाहते हैं.
उन्होंने इसके बजाय कुछ उदीयमान खिलाडियों का चयन करने की वकालत की. गौती ने भी इसमें नहीं खेलने का फैसला किया लेकिन वह क्यों हटे मुझे इसका कारण पता नहीं है. पता चला है कि सहवाग ने डीडीसीए के शीर्ष अधिकारियों को बताया कि वह दिल्ली के उदीयमान जूनियर खिलाडि़यों का रास्ता नहीं रोकना चाहते हैं.
सहवाग और गंभीर इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि उनका विश्व कप के लिए 30 सदस्यीय संभावित टीम में जगह बनाना मुश्किल है क्योंकि तीनों सलामी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि मुरली विजय कवर के रूप में चौथे सलामी बल्लेबाज हैं.