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संसाधन ज्यादा, पर घटता जा रहा है काम

हाल जेएसआरआरडीए का- जेएसआरआरडीए कर रहा है 984 करोड़ का काम, जबकि एजेंसियों के पास है 1613 करोड़ की योजनाएंमनोज लाल, रांचीराज्य सरकार की एजेंसी झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (जेएसआरआरडीए) के पास सड़क निर्माण के लिए ज्यादा संसाधन हैं. इसके इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि भी की गयी, पर दिनों-दिन इसका काम कम होता जा […]

हाल जेएसआरआरडीए का- जेएसआरआरडीए कर रहा है 984 करोड़ का काम, जबकि एजेंसियों के पास है 1613 करोड़ की योजनाएंमनोज लाल, रांचीराज्य सरकार की एजेंसी झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट ऑथोरिटी (जेएसआरआरडीए) के पास सड़क निर्माण के लिए ज्यादा संसाधन हैं. इसके इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि भी की गयी, पर दिनों-दिन इसका काम कम होता जा रहा है. नतीजन जेएसआरआरडीए के पास मात्र 984 करोड़ रुपये की सड़कों का काम है, जबकि इससे काफी ज्यादा 1613 करोड़ का काम सेंट्रल एजेंसियों के पास है. ये सारी पीएमजीएसवाइ की चालू (ऑन गोइंग) योजनाएं हैं. एजेंसियों के पास है छह गुणा ज्यादा पुलजेएसआरआरडीए के पास पुल को लेकर मात्र 46 करोड़ रुपये की योजनाएं हैं, जबकि सेंट्रल एजेंसियों के पास 288 करोड़ रुपये की योजनाएं हैं. इन पर काम चल रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग ने सबसे ज्यादा पुल का काम एचएससीएल व इरकॉन को दिया है. उनके पुल का काम क्रमश : 130 करोड़ व 104 करोड़ का है. जेएसआरआरडीए का बड़ा है इंफ्रास्ट्रक्चरजेएसआरआरडीए के पास बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है. इसके अधीन राज्य के 25 डिवीजन हैं. हर जिले में एक डिवीजन हैं. केवल चक्रधरपुर में अलग से एक डिवीजन है. सारे डिवीजन में कार्यपालक अभियंता के साथ ही पूरा सेट-अप काम कर रहा है. यानी वहां सहायक अभियंता, कनीय अभियंता से लेकर पूरा स्टाफ है. जेएसआरआरडीए ने पीएमजीएसवाइ के काम के लिए अपनी आधारभूत संरचना में बढ़ोतरी की थी. मैन पावर बढ़ाया था. इसके तहत करीब 200 इंजीनियरों की बहाली की गयी थी, जो बाद में 140 की संख्या रह गयी. शेष इंजीनियरों ने काम छोड़ दिया. सारे इंजीनियरों को कंट्रैक्ट पर रखा गया है. इसमें सहायक अभियंता व कनीय अभियंता हैं. इन्हें पीएमजीएसवाइ का काम देखने के लिए लगाया गया है. सेंट्रल एजेंसियों के पास नहीं है बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चरसेंट्रल एजेंसियों के पास जेएसआरआरडीए की तरह बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. इंजीनियरों की भी संख्या कम है. मॉनीटरिंग के लिए भी उतने अफसर नहीं हैं. यानी जेएसआरआरडीए के प्रमंडलों की तरह उनके पास पूरा सेट-अप नहीं है.सड़कों के काम की स्थितिएजेंसी का नामकितने का कामजेएसआरआरडीए984 करोड़———————–एचएससीएल587 करोड़एनपीसीसी586 करोड़एनबीसीसी202 करोड़इरकॉन237 करोड़कुल1612 करोड़पुलों के काम की स्थितिजेएसआरआरडीए46 करोड़—————-एचएससीएल130 करोड़एनपीसीसी47 करोड़एनबीसीसी7.02 करोड़इरकॉन104 करोड़कुल288 करोड़

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