नयी दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मुद्गल समिति की रिपोर्ट में बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन का नाम आने के बाद चार हफ्ते के लिए स्थगित की गयी बीसीसीआई की वार्षिक आम सभा (एजीएम) की बैठक के कार्यक्रम पर चर्चा के लिए बीसीसीआई ने 18 नवंबर को कार्य समिति की एक आपात बैठक बुलायी है.
वार्षिक आम सभा की बैठक पहले 20 नवंबर को होने वाली वाली थी लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया.ऐसा कहा जा रहा है कि श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के अध्यक्ष के तौर पर बैठक में हिस्सा लेंगे.चेन्नई में होने वाली इस बैठक में बोर्ड की सर्वशक्तिमान उपसमिति के सदस्यों को वर्तमान हालात से वाकिफ कराया जायेगा.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आज कहा, बीसीसीआई के वकील कार्य समिति के सदस्यों को हालात और कानूनी आशयों की जानकारी देंगे.स्पष्ट रुप से बीसीसीआई द्वारा एजीएम के लिए एक नयी तारीख की घोषणा करने के लिए कार्य समिति की बैठक की जरूरत होती.एजीएम के अब दिसंबर के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है.
उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होने वाली है, बीसीसीआई ने एजीएम को स्थगित करने का फैसला किया.ऐसा उसने मुख्य रूप से इसलिए किया क्योंकि अधिकतर सदस्य श्रीनिवासन का नाम पाक साफ चाहते थे.श्रीनिवासन बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए दौड़ में हैं.
उच्चतम न्यायालय ने कल आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन, उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन, राजस्थान रायल्स के सह मालिक राज कुंद्रा और क्रिकेट प्रशासक सुंदर रमण के नाम लिए जिनकी भूमिका की न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल समिति ने जांच की थी और जिसने अपनी रिपोर्ट में आईपीएल-6 प्रकरण में कुछ व्यक्तियों को उनके अपराध के लिए दोषी ठहराया है.
न्यायालय ने रिपोर्ट में नामित चार व्यक्तियों को रिपोर्ट के संबंधित अंश मुहैया कराने का आदेश दिया ताकि वह रिपोर्ट मिलने के बाद चार दिन के भीतर अपनी आपत्तियां दाखिल कर सकें.पीठ ने कहा, रिपोर्ट में दर्ज कुछ निष्कर्षों से ऐसा लगता है कि समिति ने कुछ व्यक्तियों को दोषी पाया है जिनके खिलाफ जांच की गयी थी.रिपोर्ट खिलाडि़यों के आचरण के बारे में भी है जिसे फिलहाल रोका जा रहा है. न्यायालय ने रिपोर्ट में दोषी ठहराये गये या जिन्होंने अपराध किया उनका विवरण नहीं दिया.