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बैंकों में नहीं है बुजुर्गों के लिए काउंटर

फोटो – ओल्ड मैन – 03 कैप्शन – बैंक में पंक्तिबद्ध बुजुर्गप्रतिनिधि, मधेपुरा एक बैंक अधिकारी का कहना था कि उनके लिए सबसे सुरक्षित ग्राहक पेंशनधारी हैं. बैंकों को इन्हें ऋण देने में कोई हिचक नहीं होती. क्योंकि इनसे ऋण वापसी के लिए कोई परेशानी नहीं होती. ये समय पर अपनी किस्त भी चुका देते […]

फोटो – ओल्ड मैन – 03 कैप्शन – बैंक में पंक्तिबद्ध बुजुर्गप्रतिनिधि, मधेपुरा एक बैंक अधिकारी का कहना था कि उनके लिए सबसे सुरक्षित ग्राहक पेंशनधारी हैं. बैंकों को इन्हें ऋण देने में कोई हिचक नहीं होती. क्योंकि इनसे ऋण वापसी के लिए कोई परेशानी नहीं होती. ये समय पर अपनी किस्त भी चुका देते हैं. लेकिन विडंबना है कि बैंकों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई अलग काउंटर की व्यवस्था नहीं की गयी है. नवंबर माह में पेंशनधारियों को अपने जीवित रहने का प्रमाण पत्र देना होता है. समय पर यह प्रमाणपत्र नहीं दिया गया, तो उनकी पेंशन पर रोक लग जाती है. सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त 73 वर्षीय प्रमोद बिहारी प्रमाणपत्र जमा करने जब बैंक पहुंचे, तो उन्हें पंक्ति में घंटों खड़ा होना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब कई जगह वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था रहती है, तो बैंकों में क्यों नहीं होती. उन्हें करीब तीन घंटे लाइन में खड़े रहना पड़ा. अब इस उम्र में इतनी खड़े होने की हिम्मत नहीं होती. वहीं वृद्धा गीता देवी ने बताया कि उन्हें भी जीवित प्रमाण पत्र के लिए कई घंटे तक बैंक में खड़ा रहना पड़ा. इन्हीं बैंकों में व्यापारी वर्ग के लिए विशेष व्यवस्था दी जाती है. इनके लिए राशि जमा करने और निकासी के लिए विशेष व्यवस्था और सुविधा मुहैया करायी जाती है. जबकि बुजुर्गों को लाइन में खड़ा रखा जाता है. वर्जनबड़ी शाखाओं में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन छोटे ब्रांच में कर्मी की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पाता है. इन जगहों पर प्राथमिकता के स्तर पर बुजुर्गों का कार्य किया जायेगा. एसके झा, अग्रणी बैंक प्रबंधक, मधेपुरा

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