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पेट्रोल-डीजल पर 1.50 रुपये लीटर बढा उत्पाद शुल्क, बढ़ सकती हैं कीमतें

नयी दिल्‍ली : वित्तीय घाटे से चिंतित सरकार ने आज पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.50 रुपये प्रति लीटर बढा दिया. इससे सरकार को 13,000 करोड रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार गिरते दाम से यह स्थिति बनी है. अगस्त के बाद से पेट्रोल के […]

नयी दिल्‍ली : वित्तीय घाटे से चिंतित सरकार ने आज पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.50 रुपये प्रति लीटर बढा दिया. इससे सरकार को 13,000 करोड रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के लगातार गिरते दाम से यह स्थिति बनी है.

अगस्त के बाद से पेट्रोल के दाम लगातार छह बार घटे हैं जबकि पिछले एक महीने में डीजल के दाम दो बार घटे हैं. ऐसी संभावना थी कि इस सप्ताहांत दोनों ईंधन के दाम में और कमी की जा सकती है. लेकिन विशेषज्ञों की माने तो आने वाले दिनों में अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कंपनियां इजाफा कर सकती हैं.

पेट्रोलियम एक्‍सपर्ट नरेंद्र बनेजा ने एबीपी न्‍यूज से बातचीत करते हुए बताया कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी. यह देश के अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए महत्‍वपूर्ण है. उन्‍होंने कहा कि बशर्ते सरकार इस वृद्धि को केवल राजस्‍व बढाने के लिए इस्‍तेमाल नहीं करे.

सरकार की अधिसूचना के अनुसार सामान्य यानी बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.20 रुपये से बढाकर 2.70 रुपये लीटर कर दिया गया है. वहीं सामान्य डीजल पर उत्पाद शुल्क 1.46 रुपये से बढाकर 2.96 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. वहीं प्रीमियम यानी ब्रांडेड पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 2.35 रुपये से बढाकर 3.85 रुपये लीटर तथा ब्रांडेड डीजल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 3.75 रुपये से बढाकर 5.25 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

राजकोषीय घाटा बढने से चिंतित सरकार ने हाल ही में अपने खर्चों में मित्तव्ययिता बरतने के लिये सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्रा पर अंकुश लगाने सहित कई उपायों की घोषणा की है.उत्पाद शुल्क बढने से पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम में जहां वृद्धि होगी वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने से इनके दाम में आने वाली गिरावट का असर उत्पाद शुल्क वृद्धि से निरस्त हो जायेगा. परिणामस्वरुप दोनों ईंधनों के दाम यथावत बने रह सकते हैं.

यह भी संभावना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां शनिवार को होने वाली तेल मूल्यों की समीक्षा पहले ही कर लें ताकि उत्पाद शुल्क वृद्धि और कच्चे तेल के दाम की गिरावट का उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पडे. उत्पाद शुल्क वृद्धि से पहले दिल्ली में पेट्रोल 64.25 रुपये लीटर तथा डीजल 53.35 रुपये लीटर था.

वैश्विक मूल्य में गिरावट तथा खुदरा दामों में कटौती से विशेषतौर पर राज्य सरकारों को राजस्व नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार को पेट्रोल, डीजल के दाम घटने से कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि केंद्र दोनों ईंधन पर उत्पाद शुल्क मूल्यानुसार नहीं बल्कि मात्रा के हिसाब से लगाता है.

सामान्य यानी बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर फिलहाल मूल उत्पाद शुल्क 1.20 रुपये प्रति लीटर लगता है. इसके अलावा विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 6 रुपये प्रति लीटर तथा सडक उपकर 2 रुपये लीटर लिया जाता है. गैर-ब्रांडेड डीजल के मामले में मूल उत्पाद शुल्क 1.46 रुपये लीटर तथा सडक उपकर 2 रुपये लीटर लगता है.

उत्पाद शुल्क में ताजा वृद्धि के बाद सामान्य पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क मौजूदा 9.20 रुपये से बढकर 10.70 रुपये लीटर गया और सामान्य डीजल के मामले में यह 3.46 रुपये से बढकर 4.96 रुपये लीटर हो जायेगा. ब्रांडेड पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10.35 रुपये लीटर से बढकर 11.85 रुपये वहीं ब्रांडेड डीजल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 5.75 प्रतिशत से बढकर 7.25 रुपये लीटर हो जायेगा.

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन (बीपीसीएल) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन (एचपीसीएल) हर पखवाडे दाम की समीक्षा करती हैं. शनिवार को पेट्रोल और डीजल के दामों की समीक्षा होनी है. इससे पहले, एक नवंबर को पेट्रोल के दाम में 2.41 रुपये लीटर की कमी की गयी थी. उसी दिन, डीजल के दाम में 2.25 रुपये प्रति लीटर कटौती की गयी.

इस कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 64.25 रुपये लीटर है. अगस्त से लेकर अब तक पेट्रोल 9.36 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. डीजल के दाम में 19 अक्तूबर को 3.37 रुपये लीटर की कटौती की गयी. पांच साल से अधिक समय में यह पहला मौका था जब डीजल के दाम कम किये गये. उसके बाद एक नवंबर को फिर से डीजल के दाम कम किये गये. डीजल फिलहाल दिल्ली में 53.35 रुपये लीटर पर उपलब्ध है.

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