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फडणवीस सरकार ने विश्‍वासमत हासिल किया, चौहान ने कहा, आज राज्य के लिए काला दिन

01 : 41PM भाजपा नेता राजीव प्रताप रुढ़ी ने कहा कि महाराष्‍ट्र के लोगों का आदेश आज विस में भी दिखा. अब सरकार को आगे बढ़ने की और जनता की इच्छाओं को पूरा करने की जरुरत है.01 : 37 PM महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित करने में […]

01 : 41PM

भाजपा नेता राजीव प्रताप रुढ़ी ने कहा कि महाराष्‍ट्र के लोगों का आदेश आज विस में भी दिखा. अब सरकार को आगे बढ़ने की और जनता की इच्छाओं को पूरा करने की जरुरत है.

01 : 37 PM

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष मानिकराव ठाकरे ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. लोकतंत्र की हत्या की कई है, हम गर्वनर से इस संबंध में मिलेंगे.

01 : 35 PM

शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है. 40 विधायक समर्थन में नहीं थे. भाजपा में अंतर्कलह था जिसके कारण ध्‍वनिमत का सहारा लिया गया. बीजेपी नैतिकता से विश्‍वासमत करायें.

01 : 30 PM

महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री पृथ्‍वीराज चौहान ने कहा कि आज राज्य के लिए काला दिन है. हम इस संबंध में राज्यपाल से मिलेंगे और फिर से विश्‍वासमत पर वोट करवाने की मांग करेंगे.

12 : 37 PM

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में जीता विश्वास मत. विश्वास प्रस्ताव ध्वनि-मत से पारित हुआ. विरोध में शिवसेना विधायक वेल में पहुंचे. एनसीपी ने ध्‍वनिमत में भाग नहीं लिया.

12 : 30 PM

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर हरीभाउ बागडे ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्रदान किया.

12 : 05 PM
मुंबई : देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्‍ट्र की भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला अगले कुछ घंटों में हो जाएगा. महाराष्‍ट्र के पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा और शिवसेना ने अबतक एक दूसरे के साथ आने के कोई संकेत नहीं दिए हैं. टीवी रिपोर्ट के अनुसार इसके उलट शिवसेना के मुकपत्र सामना के भड़काऊ संपादकीय के बाद विधानसभा परिसर में पहुंचे शिवसेना विधायकों ने कहा है कि पार्टी प्रमुख ने उन्हें अंतिम तौर विपक्ष में बैठने का निर्णय लेने का कहा है.

11 : 14 AM
भाजपा के उम्मीदवार हरीभाऊ विधानसभा अध्‍यक्ष चुने गये

11 : 10 AM

वरिष्‍ठ शिवसेना नेता रामदास कदम और दिवाकर राउत मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले

11 : 07 AM

एनसीपी के कल के समर्थन की घोषणा के बाद वरिष्‍ठ पार्टी नेता छग्गन भुजवल ने मीडिया से कहा कि हमारा समर्थन बिना किसी शर्त के है हम राज्य में स्थिर सरकार चाहते हैं.

10 : 55 AM

एमएनएस ने भाजपा को समर्थन का एलान किया.

सामना में भाजपा के साथ शिवसेनाके रिश्तों को लेकर आज भडकाऊसंपादकीय

मुंबई :शिवसेना के मुखपत्र सामना में भाजपा के साथ उसके रिश्तों को लेकर आज भडकाउ संपादकीय लिखा गया है. इस संपादकीय के बाद दोनों के रिश्तों के पटरी पर आने की आखिरी उम्मीद भी लगभग खत्म हो गयी है. ऐसे में इस बात की संभावना है कि शिवसेना भाजपा के खिलाफ ही वोट करेगी.

सामना में भाजपा पर आरोप लगाया गया है कि वह शिवसेना को सरकार में शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा की गाडी को आगे बढाने को तैयार नहीं है. सामना में भाजपा को एनसीपी के संभावित समर्थन पर भी सवाल उठाया गया है. साथ ही विदर्भ गठन की आशंका का भी उल्लेख किया गया है. सामना में लिखा गया है कि भारत की संसद में पाकिस्तान जिंदाबाद और महाराष्ट्र की विधानसभा में अलग विदर्भ की मांग के लिए नारे लगाना अपराध है.

सामना ने एनसीपी को भ्रष्टाचार की टोकरी बताया है और लिखा है कि इसलिए राज्य की जनता उसे चौथे स्थान पर धकेल दिया है. भाजपा से सवाल उठाया गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव तुम महाराष्ट्र की तिजोरी कुतरने वाले चूहों के द्वारा करोगे क्या? विश्वासमत प्रस्ताव भी उन्हीं जूहों की मदद से जितने वाले हो क्या. इन सवालों का जवाब तुम्हें जनता को देना पडेगा? पर तुम इन चूहों की सहायता से तुम महाराष्ट्र को कहां ले जाकर रखने वाले हो? इसका जवाब तुम कभी नहीं दे पाओगे!

उधर, विधानसभा भवन में पहुंचे शिवसेना विधायकों ने मीडिया से कहा है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें विपक्ष में बैठने का निर्देश दिया है.

देवेंद्र फडनवीस के लिए विश्वास मत हासिल करना होगा मुश्किल

महाराष्‍ट्र के नये मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए आज का दिन काफी चुनौतीभरा है. फडणवीस के लिए विश्‍वासमत हासिल करना मुश्किल हो सकता है. जब महाराष्‍ट्र चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आयी थी तब एनसीपी और शिवसेना दोनों ने ही उसे समर्थन देने की बात कही थी.

अगर भाजपा आज शिवसेना के समर्थन के बिना विश्वास मत हासिल कर लेती है या फिर शिवसेना के असहयोग के कारण उसकी सरकार गिर जाती है, तो दोनों ही स्थिति में भाजपा और शिवसेना के 25 साल पुराने रिश्ते पर आज आखिरी विराम लग जायेगा.

भाजपा ने एनसीपी से वैचारिक मतभेद के कारण समर्थन लेना स्‍वीकार नहीं किया था, वहीं शिवसेना अपनी शर्तों पर सरकार में शामिल होना चाह रहा है, जिसके लिए भाजपा अभी भी तैयार नहीं है. सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा को महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने का आमंत्रण मिला और भाजपा ने सरकार भी बना ली.

देवेंद्र फडणवीस नये सरकार में मुख्‍यमंत्री बने. इस बीच शिवसेना के साथ बातचीत तो हुई लेकिन किसी भी गंठबंधन पर सहमति नहीं बनी. ऐसे में आज विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भाजपा के सामने सदन में विश्‍वासमत हासिल करना बड़ी चुनौतीबन गयी है. विश्‍वासमत के साथ ही भाजपा के लिए एक चुनौतीविस अध्‍यक्ष का चयन भी है.

शिवसेना विपक्ष में बैठने की तैयारी में
महाराष्‍ट्र में भाजपा के साथ गंठबंधन के शिवसेना के सभी प्रयासों के बाद शिवसेना ने सदन में विपक्ष की कुर्सी स्‍वीकारने पर अपनी सहमतिदे दी है. शिवसेना ने कहा कि वह सरकार में शामिल नहीं होगी और विपक्ष में बैठ कर सरकार पर नियंत्रण रखने का काम करेगी. महाराष्‍ट्र के 288 सीटों में से इस बार भाजपा से अलग-थलग चुनाव लड़ते हुए शिवसेना ने 63 सीटें हासिल की. भाजपा को कुल 122 सीटें मिली हैं.
सरकार को विश्‍वासमत के लिए 145 विधायकों के समर्थन की आवश्‍यकता है. ऐसे में अगर शिवसेना विपक्ष में वोट करेगी तो सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है. कयास लगाये जा रहे थे कि अचानक हुए मतभेद को सुलझाते हुए भाजपा और शिवसेना फिर से साथ आ सकती हैं. ऐसे में सरकार के पास 185 विधायक होते और विश्‍वासमत में कोई बाधा नहीं होती. भाजपा का आरोप है कि शिवसेना अपनी शर्तों पर सरकार में आना चाहती है, जो जनता के हित में नहीं है. शिवसेना उपमुख्‍यमंत्री की कुर्सी और कई मंत्री पदों की मांग की है.
एनसीपी ने मारी पलटी
एनसीपी को इस बार के विस चुनावों में 41 सीटें मिली हैं. सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा को स्‍वीकार करते हुए एनसीपी की ओर से कहा गया था कि वह भाजपा को बिना किसी शर्त के समर्थन देने को तैयार है. लेकिन भाजपा को एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना नागवार गुजरा और उसने इनकार कर दिया. इस बीच खबरें आयी कि विश्‍वासमत के समय एनसीपी सदन से वाकआउट करेगी और सरकार को विश्‍वासमत साबित करने में मदद पहुंचायेगी.
इस चुनाव में कांग्रेस से गंठबंधन तोड़कर चुनाव लड़ते हुए एनसीपी का भाजपा से गंठजोड़ होने की बातें सुर्खियों में थी. अब आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह आज सदन में देखेंगे कि उनकी पार्टी को क्‍या करना है. गौरतलब है कि एनसीपी के पूर्वकेबयान के आधार पर आंकड़ों पर नजर डालें तो अगर एनसीपी वाकआउट करती है तो सदन में विधायकों की संख्‍या 247 हो जायेगी.
ऐसे में भाजपा को विश्‍वासमत के लिए 124 विधायकों की जरुरत होगी. यह संख्‍या लाना भाजपा के लिए मुश्किल नहीं होगा. लेकिन एनसीपी सदन में रहती है और सरकार के खिलाफ वोट करती है तो भाजपा के लिए विश्‍वासमत हासिल करना असंभव है.
शिवसेना-भाजपा गंठबंधन पर स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं
अगर सदन में शिवसेना भाजपा के साथ आने का फैसला करती है तो भाजपा के लिए विश्‍वामत हासिल करना कोई बड़ी बात नहीं हैं. दोनों पार्टियों के बीच पिछले 25 साल से गंठबंधन था. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं का मानना है कि दोनों पार्टी साथ मिलकर महाराष्‍ट्र में सरकार चलायें.
इस बीच देखना यह है कि विश्‍वासमत के समय से पूर्व दोनों पार्टियों के बीच कोई सहमति बन पाती है या नहीं. हालांकि शिवसेना केंद्र की एनडीए सरकार में भी सहयोगी है और अभीतक उसने एनडीए से अलग होने का निर्णय नहीं किया है. सदन में फडणवीस सरकार को दोपहर दो से चार बजे के बीच विश्‍वासमत हासिल करना है. वहीं दोपहर 12 बजे से दो बजे के बीच विधानसभा अध्‍यक्ष चुना जाना है.
विधानसभा अध्‍यक्ष का मामला भी अधर में
भाजपा के लिए महाराष्‍ट्र में विश्‍वासमत हासिल करना तो चुनौतिपूर्ण है ही साथ ही साथ विधानसभा अध्‍यक्ष के चयन में भी कई पेंच हैं. विस अध्‍यक्ष की कुर्सी के लिए भाजपा के अलावे शिवसेना और कांग्रेस ने भी अपने उम्‍मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस के पास महाराष्‍ट्र में 42 विधायक हैं.
भाजपा चाहती है कि शिवसेना और कांग्रेस अपने-अपने उम्‍मीदवारों को वापस बुला लें, लेकिन दोनों ही पार्टियां इसके लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में विस अध्‍यक्ष के लिए भी सदन में वोटिंग के अलावा कोई और रास्‍ता नहीं बचेगा. सदन में दोपहर 12 के बाद पहले स्‍पीकर पर फैसला लिया जायेगा. उसके बाद सरकार को विश्‍वासमत हासिल करना है.

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