मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में 13 नवंबर को दीक्षांत समारोह होना है. वैसे तो इस समारोह में स्नातक व स्नातकोत्तर के 49 टॉपरों का सम्मान होगा, लेकिन पीजी अर्थशास्त्र विभाग के दो टॉपरों, रंजन कुमार व प्रियंका कुमारी के लिए यह उपलब्धि भरा दिन होगा. गोल्ड मेडल के साथ-साथ इन दोनों को डॉ राम बिहारी सिंह मेमोरियल अवार्ड भी दिया जायेगा.
पूर्व अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष स्वर्गीय डॉ राम बिहारी सिंह के नाम पर दिया जायेगा. यह पहला मौका होगा जब विवि यह अवार्ड देगी. डॉ राम बिहारी सिंह का जन्म 1915 में सारण जिला के सिताबदियारा में हुआ था.
अर्थशास्त्र में पीएचडी डिग्री हासिल करने वाले सूबे के वे पहले व्यक्ति थे. तब इनके शोधपत्र को जांच के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स भेजा गया था. 1952 में उन्होंने ‘आर्थिक विश्लेषण और मुद्रा’ नाम की पुस्तक लिखी. तब यह हिंदी में प्रकाशित अर्थशास्त्र की पहली पुस्तक थी. 1963 से 1968 तक बीआरए बिहार विवि अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहने के बाद वे अमेरिका चले गये. वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (लॉस एंजल्स) व कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (बर्कले) में विजिटिंग प्रोफेसर के रू प में कार्य किया.
2008 में बना था ट्रस्ट
डॉ राम बिहारी सिंह का निधन वर्ष 2003 में हुआ. उनकी मृत्यु के पांच साल बाद डॉ राम बिहारी सिंह स्मृति ट्रस्ट की स्थापना हुई. इसके सदस्यों में पूर्व कुलपति सह आइएएस डॉ आइसी कुमार, बीआरए बिहार विवि के पूर्व विभागाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री डॉ प्रभुनाथ सिंह, ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ राम बिनोद सिंह, एमएसकेबी की प्राचार्या डॉ निर्मला सिंह, डॉ रघुवंश नारायण सिंह, डॉ जयकांत सिंह जय, डॉ बिनोद नारायण सिंह, डॉ राम बिहारी सिंह की पुत्री डॉ लीला सिंह व दामाद ई राजेंद्र प्रसाद सिंह शामिल थे.
केंद्रीय मंत्री व सीएम रह चुके हैं छात्र
डॉ राम बिहारी सिंह के छात्रों में मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्री व कुलपति भी शामिल हैं. प्रमुख नामों में पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ श्याम नंदन मिश्र, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री डॉ ललित नारायण मिश्र, लोकसभा के पूर्व स्पीकर डॉ बलिराम भगत, पूर्व मंत्री तारकेश्वरी सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र, मगध विवि के पूर्व कुलपति सह विधान पार्षद डॉ हरगोविंद सिंह आदि शामिल हैं.