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जल संरक्षण को बढ़ावा देना जरूरी
आज पानी की समस्या गंभीर है. सभी इससे परेशान हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं ढूंढ़ा जा सका है. केंद्र और राज्य सरकारें तथा स्वयंसेवी संस्थाएं जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के नाम पर लाखों रुपये का वारा-न्यारा कर देती हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर काम कुछ भी नहीं हो पाता. इस साल […]
आज पानी की समस्या गंभीर है. सभी इससे परेशान हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं ढूंढ़ा जा सका है. केंद्र और राज्य सरकारें तथा स्वयंसेवी संस्थाएं जलसंरक्षण को बढ़ावा देने के नाम पर लाखों रुपये का वारा-न्यारा कर देती हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर काम कुछ भी नहीं हो पाता. इस साल झारखंड में औसतन कम बारिश हुई है.
अभी सर्दी का मौसम अपने शबाब पर आया भी नहीं है कि यहां की नदियां, तालाब, आहर, पोखर सूखने लगे हैं. जैसे-तैसे खरीफ फसलों को तो सिंचाई के लिए पानी मिल गया. लेकिन रबी फसल की बुआई और सिंचाई कैसे होगी, यह समस्या मुंह बाये खड़ी है. उद्योगों और शहरों से निकलनेवाले गंदे पानी का यदि शोधन किया जाता, तो सिंचाई के साधन बन सकते हैं. इसलिए जलसंरक्षण करना बहुत जरूरी है.
मो सलमान मूसा, महथाडीह, डोमचांच
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