नयी दिल्ली : भारतीय कर्मचारियों का वेतन 2015 में लगभग 10.9 प्रतिशत बढ़ जायेगा. यह बात ईसीए इंटरनैशनल रपट में कही गयी. ईसीए द्वारा वेतन के ताजा रुझान के सर्वेक्षण के मुताबिक इस क्षेत्र में सबसे अधिक वेतन बढोतरी पाकिस्तान में होने का अनुमान है जहां कंपनियां वेतन में औसतन 12 प्रतिशत बढोतरी कर सकती हैं.
भारतीय कर्मचारी के वेतन में औसतन 10.9 प्रतिशत की बढोतरी का अनुमान है. हालांकि, भारत में वेतन बढोतरी का स्तर एशिया में सबसे अधिक है और यदि मुद्रास्फीति को ध्यान में रखा जाए तो यह वृद्धि औसतन सिर्फ 3.4 प्रतिशत बढोतरी होगी. ईसीए इंटरनैशनल के क्षेत्रीय निदेशक (एशिया) ली क्वेने ने कहा कि अगले साल मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद है इसलिए 2015 में इस साल (2.7 प्रतिशत) के मुकाबले वास्तविक रुप से वेतन में अधिक बढोतरी होगी.
मुद्रास्फीति को देखते हुये इस सूची में भारत एशिया में सातवें स्थान पर जबकि वियतनाम पहले और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर आएगा. वास्तविक वेतन बढोतरी के लिहाज से चीन दूसरे स्थान पर आएगा जबकि थाइलैंड चौथे, बांग्लोदश पांचवें और श्रीलंका छठे स्थान पर होगा.
सर्वेक्षण में कहा गया कि जापान के कर्मचारियों का वेतन सबसे कम 2.3 प्रतिशत बढेगा और इसका ज्यादातर हिस्सा मंहगाई लील लेगी. रपट में कहा गया कि चीन की मुख्यभूमि में वेतन में अगले साल फिर आठ प्रतिशत की बढोतरी होगी. मंहगाई के बावजूद यहां के कर्मचारी क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छे रहेंगे.
वास्तविक रुप से इनका वेतन 5.5 प्रतिशत बढेगा. एशिया में 2015 के दौरान वेतन औसतन 7.2 प्रतिशत बढने की उम्मीद है और मंहगाई को ध्यान में रखकर वास्तविक वेतन वृद्धि औसतन 2.7 प्रतिशत रहेगी. कंपनी का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर वेतन वृद्धि 2015 में औसतन 5.8 प्रतिशत रहेगी जो इस साल के अनुमान 5.6 प्रतिशत से अधिक है.
इस साल यह सर्वेक्षण 66 देशों में 340 बहुराष्ट्रीय कंपनियों से एकत्रित सूचनाओं के आधार पर किया गया है. एशिया क्षेत्र में पाकिस्तान एवं वियतनाम के बाद भारत तीसरा सबसे अधिक वेतन बढोतरी वाला देश होगा.
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