भागलपुर: गुरुवार की रात आइएमए अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह की अध्यक्षता में आइएमए हॉल में आपात बैठक की गयी. जिसमें निर्णय लिया गया कि शनिवार को शहर के सभी निजी क्लिनिक बंद रहेंगे.
इस दौरान सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा व ओपीडी खुला रहेगा. अध्यक्ष ने बताया कि सभी सदस्यों के बीच आम राय से सहमति बनी कि शनिवार को सभी प्राइवेट चिकित्सक अपने-अपने क्लिनिक बंद रखेंगे. उन्होंने यह बताया कि यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि आम मरीजों को एक दिन पहले यह सूचना मिल जाये. नहीं तो हमलोग शुक्रवार को भी क्लिनिक बंद रख सकते थे. हमलोगों का मकसद आम मरीजों को किसी भी तरह से परेशान करना नहीं है. यह हड़ताल सांकेतिक तौर पर कर रहे हैं.
डॉ रोमा यादव ने बताया कि भासा के डॉ अंजनी कुमार ने भी कहा है कि शनिवार को सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों से भी आग्रह किया जायेगा कि वे ओपीडी सेवा बंद रखें. इसके अलावा नौलखा स्थित कॉलेज परिसर से शांति मार्च निकाली जायेगी जो शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए मायागंज अस्पताल जाकर समाप्त होगी. हमलोग इस मार्च में आम लोगों से भी अपील करते हैं कि अगर हमलोगों की गलती नहीं है तो आपलोग भी हमारे साथ आएं. जनता ही निर्णय ले कि चिकित्सक व मरीज के बीच यह दूरी कहां से आ गयी. इस मौके पर डॉ संदीप लाल, डॉ मणिभूषण, डॉ सोमेन चटर्जी, डॉ अशोक राय समेत शहर के प्रबुद्ध चिकित्सक मौजूद थे.
ेउधर आइएमए की बैठक के दौरान तपस्वी हॉस्पिटल मामले में कुछ चिकित्सकों ने ‘जस्ट वेट एंड वाच’ की नीति पर जोर दिया. एक चिकित्सक ने कहा कि कानून को अपना काम करने दिया जाये. एक अन्य ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद कानूनी प्रक्रिया चलने देने की बात कही. उन्होंने कहा कि संगठन को जितना करना चाहिए, कर ही रहा है. एक अन्य चिकित्सक ने संगठन की ओर से किये जा रहे आंदोलन में एक दिन महिला मरीजों का इलाज नहीं किये जाने को शामिल करने की बात कही. बहसों के दौरान ही डॉ संदीप लाल ने कहा कि संगठन द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करने की मांग की जा सकती है.