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जानें किन कारणों से इस खिलाड़ी ने क्रिकेट छोड़ने का ले लिया था फैसला

कराची : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन शतक लगाने वाले पाकिस्‍तान के क्रिकेटर यूनिस खान ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्‍होंने कहा कि वह टीम से बाहर किये जाने से इतने क्षुब्‍ध थे कि उन्‍होंने एक बार संन्‍यास लेने की सोच ली थी. यूनिस खान ने कहा कि पिछले महीने एकदिवसीय टीम से अनौपचारिक तरीके […]

कराची : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन शतक लगाने वाले पाकिस्‍तान के क्रिकेटर यूनिस खान ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्‍होंने कहा कि वह टीम से बाहर किये जाने से इतने क्षुब्‍ध थे कि उन्‍होंने एक बार संन्‍यास लेने की सोच ली थी. यूनिस खान ने कहा कि पिछले महीने एकदिवसीय टीम से अनौपचारिक तरीके से बाहर किये जाने वह इतने क्षुब्ध थे कि उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में भी सोचा था.

यूनिस ने कहा, हां संन्यास की बात मेरे मन में आयी थी. मैं वनडे श्रृंखला से बाहर किये जाने से बहुत अधिक निराश और परेशान था. लेकिन मेरे परिजनों और दोस्तों ने कहा कि मुझे हथियार नहीं डालने चाहिए और देश के लिये कुछ करना चाहिए. इस पूर्व कप्तान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान की 2-0 से जीत में अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने कहा कि वह इसलिए गुस्से में थे क्योंकि चयनकर्ताओं ने केवल एक महीने में उन्हें बाहर कर दिया था.

उन्होंने जियो न्यूज से कहा, मुझे श्रीलंका में 18 महीनों में केवल एक मैच में खेलने का मौका मिला था और पारिवारिक परेशानी के कारण मुझे स्वदेश लौटना पड़ा था. इसलिए जब उन्होंने मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से बाहर किया तो मैं परेशान था और संन्यास के बारे में सोचने लगा था. यूनिस ने कहा कि वह तब भी आहत हुए जब चयनकर्ताओं ने संकेत दिये कि वह अगले साल होने वाले विश्व कप के लिये उनकी योजना का हिस्सा नहीं हैं.
उन्होंने कहा, इससे मैं आहत हुआ क्योंकि जब मेरे जैसा खिलाड़ी भविष्य की योजना का हिस्सा नहीं है तो फिर अन्य खिलाडियों के बारे में क्या कह सकते हैं. लेकिन यूनिस ने कहा कि अब ये बातें पुरानी हो चुकी हैं और वह इससे बाहर निकल चुके हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में 156 की औसत से 468 रन बनाये जिसमें एक दोहरे शतक सहित तीन शतक शामिल हैं. उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. उन्होंने टेस्ट और वनडे में उनके बल्लेबाजी औसत की तुलना को भी खारिज कर दिया जो क्रमश: 53 और 31 के लगभग है.
यूनिस ने कहा, वनडे क्रिकेट में मैंने खुद के प्रदर्शन या बड़ा स्कोर खड़ा करने पर ध्यान नहीं दिया. मैंने हमेशा टीम को जीत दिलाने में अपनी भूमिका निभाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, हां विश्व कप में खेलना मेरा सपना है और मैं वही भूमिका निभाना चाहता हूं जैसी जावेद (मियादाद) या इंजमाम (उल हक) ने 1992 में निभायी थी जबकि हमने विश्व कप जीता था.
यूनिस ने बल्लेबाजी कोच ग्रांट फ्लावर की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, इस श्रृंखला को जीतने और हमारे बल्लेबाजी प्रदर्शन में सुधार के लिये ग्रांट फ्लावर के योगदान का जिक्र नहीं करना अनुचित होगा. सभी बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस तरह से खेले उसमें ग्रांट ने अहम भूमिका निभायी. उन्होंने मुझे जो मदद पहुंचायी उसके लिये मैं उनका आभारी हूं. उन्होंने कप्तान मिसबाह उल की भी प्रशंसा की. यूनिस ने कहा, मिसबाह इस बार बदला हुआ इंसान लगा. वह हमारे पास सुझावों के लिये आता और यह हम सबके लिये अच्छा रहा.

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