पटना: सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर होगा. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी व उसकी चार अन्य कंपनियों के द्वितीय स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिजली के विकास के लिए पूर्व सीएम नीतीश कुमार व तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने जो कठोर निर्णय लिये, आज उसका फल दिख रहा है. अब स्थिति यह है कि 600 मेगावाट से चल कर 2850 मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही है.
अगले साल चार हजार मेगावाट का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने भीषण प्रतिज्ञा की थी कि बिजली में सुधार नहीं हुआ, तो वर्ष 2015 के चुनाव में वोट मांगने नहीं जायेंगे. बिजली में काफी सुधार आया, जबकि चुनाव में एक वर्ष बाकी है. अगले साल तक चार हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति करने का लक्ष्य है. बिजली उत्पादन के लिए नवीनगर ताप बिजलीघर के अलावा चौसा, पीरपैंती, कजरा व बांका में काम हो रहा है. कांटी व बरौनी का उन्नयन किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पर्याप्त मिले इसका विशेष ध्यान रखना है. घरों के साथ खेतों में भी बिजली पहुंचे.
सीएम ने इस मौके पर विद्युत भवन में स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के साथ 927.70 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन किया. इसमें बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी की 400.70 करोड़, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की 289.20 करोड़ व साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी की 237.80 करोड़ की योजना शामिल है.
राशि की कमी नहीं
वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिजली क्षेत्र में विकास कार्य के लिए राशि की कमी नहीं होगी. लेकिन, बिजली कंपनी के कर्मियों के वेतन व पेंशन के लिए राशि नहीं मिलेगी. इसके लिए उन्हें खुद व्यवस्था करनी होगी. जितनी बिजली आपूर्ति हो रही है उतनी राशि वसूली होनी चाहिए.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग के सीएमडी प्रत्यय अमृत ने आगंतुकों का स्वागत किया. धन्यवाद ज्ञापन साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी की एमडी पलका साहनी ने किया. पावर कंपनी की ओर से सीएम जीतन राम मांझी, वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष यूएन पंजियार व बिजली सलाहकार पीके राय को स्मृति चिह्न् दिया गया.