।। राजेन्द्र कुमार ।।
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी के नगर विकास मंत्री आजम खां नहीं चाहते कि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा राजनीति में आए. अपनी इसी सोच के तहत आजम खां ने तंजीम फातिमा को राज्यसभा का पद लेने से मना कर दिया है.
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को तंजीम फातिमा सहित राज्यसभा भेजे जाने वाले पार्टी के छह प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया था. जैसे ही आजम खां को इस फैसले की जानकारी हुई उन्होंने तंजीन फातिमा को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाये जाने पर सपा प्रमुख का शुक्रिया अदा करते हुए घोषणा की कि तंजीम की रूचि राज्यसभा सदस्य बनने में नहीं है.
आजम खां के इस ऐलान पर सपा नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. कहा जा रहा है कि यदि आजम खां अपनी बात पर डटे रहे तो तंजीम फातिमा के स्थान पर किसी अन्य को प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा जल्दी ही की जाएगी. यह अन्य प्रत्याशी अमर सिंह भी हो सकते है. फिलहाल इसे लेकर पार्टी के वरिष्ट नेता मौन है. वह नहीं चाहते हैं कि मीडिया में फिर से मुलायम सिंह और अमर सिंह की दोस्ती की अटकले लगने लगे.
गौरतलब है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह के साथ अमर सिंह की हाल ही में हुई मुलाकातों को लेकर यह कहा जा रहा था कि मुलायम सिंह फिर अमर सिंह को राज्यसभा भेज सकते है. इस तरह की हो रही चर्चाओं पर अमर सिंह और सपा नेताओं ने आपत्ति तक नहीं जतायी. तो माना गया कि अमर सिंह को राज्यसभा भेजने में सपा कोई ना कोई भूमिका जरूर निभाएगी परन्तु अमर सिंह को लेकर सपा महासचिव रामगोपाल और आजम खां की नाराजगी को देखते हुए मुलायम सिंह ने संसदीय बोर्ड की बैठक में अमर सिंह को राज्यसभा भेजने की वकालत नहीं की.
इस पर सपा संसदीय बोर्ड में सपा प्रमुख के रिश्तेदार प्रोफेसर रामगोपाल यादव, संभल के जावेद अली, झासी के चंद्रपाल सिंह यादव, पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर, लखीमपुर के रवि प्रकाश वर्मा तथा आजम खा की पत्नी तंजीन फातिमा को राज्ययसभा भेजने का निर्णय लिया गया.
मीडिया के जरिए सपा संसदीय बोर्ड के इस फैसले की जानकारी आजम को हुई तो उन्होंने इस फैसले पर मुलायम सिंह का शुक्रिया अदा किया लेकिन अपनी पत्नी को एमपी बनाने से इंकार कर दिया है. आजम ने कहा कि उनकी पत्नी को एमपी बनाने के पक्ष में नहीं हैं. वह राजनीति में भी नहीं आना चाहती, इसीलिए कुछ समय पूर्व अखिलेश सरकार द्वारा तंजीम फातिमा को उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने जाने पर उन्होंने यह पद स्वीकार करने से मना कर दिया था.