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मोदी ने सरदार पटेल की तुलना चाणक्य से की

नयी दिल्ली : रन फॉर यूनिटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह हरी झंडी दिखाई. करीब 3 किमी तक की इस दौड़ में 15 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. विजय चौक से इंडिया गेट तक के इस दौड़ में मोदी भी शामिल हुए. वे लोगों के साथ हाथ हिलाते हुए पैदल चल रहे थे. […]

नयी दिल्ली : रन फॉर यूनिटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह हरी झंडी दिखाई. करीब 3 किमी तक की इस दौड़ में 15 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. विजय चौक से इंडिया गेट तक के इस दौड़ में मोदी भी शामिल हुए. वे लोगों के साथ हाथ हिलाते हुए पैदल चल रहे थे.

कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाने के पहले नरेंद्र मोदी ने कहा, 30 वर्ष पहले आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भडकी सिख विरोधी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत की एकता के शताब्दियों पुराने तानेबाने पर ‘खंजर’ था.मोदी ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में समर्पित किया.‘लौह पुरुष’’ के तौर पर लोकप्रिय सरदार पटेल के सम्मान में आयोजित समारोह में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि यह पहल किसी अन्य नेता के योगदान को कमतर करने का प्रयास नहीं है.

देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के 139वें जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाया जा रहा है. मोदी ने कहा कि यह दिन इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के रुप में मनाया जाता है, पर साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों का भी अप्रत्यक्ष उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकता के लिए समर्पित कर दिया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 वर्ष पहले उनकी जयंती पर ‘हमारे अपने लोग’ मारे गएमोदी ने कहा, ‘‘हमारे अपने लोगों मौत के घाट उतार दिया गया.यह घटना किसी धर्म के लोगों के दिलों पर ही घाव नहीं है बल्कि हजारों वर्ष की देश की धरोहर एवं संस्कृति के हृदय में लगा खंजर है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अपने राजनीतिक जीवन में बाधाओं के बावजूद पटेल राष्ट्रीय एकता की अपनी सोच से कभी विचलित नहीं हुए. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 वर्ष पहले ऐसे नेता की जयंती पर यह घटना हुई जिसने राष्ट्र की एकता को हिला दिया.’’

देश को एकजुट और साथ रखने में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता है, वह इसका कभी सृजन नहीं कर सकता.. इतिहास, विरासत को विचारधारा के संकीर्ण दायरे में विभाजित न न करें.’’ गौरतलब है कि मोदी सरकार ने हाल ही में निर्णय किया था कि वह महात्मा गांधी और सरदार पटेल की जयंती और पुण्यतिथि में शामिल होगी जबकि अन्य नेताओं के सम्मान में समारोह आयोजित करने का दायित्व उसने न्यासों (ट्रस्ट) और सोसायटियों पर छोडा था.

सरकार ने यह भी निर्णय किया था कि अन्य नेताओं के नाम पर कोई स्मारक नहीं बनाया जायेगा. स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने उन्हें ऐतिहासिक दांडी यात्रा की योजना बनाने का दायित्व सौंपा था जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ जब हम रामकृष्ण परमहंस को देखते हैं तब ऐसा लगता है कि वह स्वामी विवेकानंद के बिना पूर्ण नहीं हैं. इसी तरह से जब हम महात्मा गांधी को देखते हैं तब वह भी सरदार पटेल के बिना अधूरे प्रतीत होते हैं.’’ सरदार पटेल की तुलना चाणक्य से करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ देश सरदार पटेल को कभी नहीं भूल सकता.शताब्दियों पहले, चाणक्य ने छोटी रियासतों को एकजुट करके एक मजबूत ढांचा स्थापित करने का सफल प्रयोग किया था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आजादी के बाद यही काम उस व्यक्ति ने किया जिनकी आज हम जयंती मना रहे हैं.. सरदार वल्लभभाई पटेल.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपना पूरा जीवन भारत की एकता के लिए समर्पित कर दिया उसे अपने राजनीतिक जीवन में विरोध और आलोचनाओं का सामना करना पडा लेकिन वह देश को एकजुट रखने के अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं हुआ.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने अपने कौशल, दूरदृष्टि और देशभक्ति से देश को एक सूत्र में पिरोया.

विभाजन के बाद देश को एकजुट रखने में पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ सरदार पटेल ने भारत को कई छोटे क्षेत्रों में विभाजित करने की अंग्रेजों की योजना ध्वस्त कर दी.उन्होंने अकेले सभी 550 क्षेत्रों का देश में विलय किया.’’ इससे पहले प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘ अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तब इतिहास कुछ और होता.ऐसा कई लोग महसूस करते हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि समारोह का उद्देश्य किसी दूसरे राजनीतिक नेता के योगदान को कमतर करना नहीं है.

संघ का हमेशा से यह मानना रहा है कि उत्तरोत्तर सरकारों ने जवाहर लाल नेहरु और नेहरु गांधी परिवार के लोगों के योगदान को दूसरों से अधिक तवज्जो दी. ‘रन फार यूनिटी’ को हरी झंडी दिखने के बाद मोदी ने कुछ दूर तेज चलकर इस दौड का नेतृत्व भी किया.इस दौड में सुशील कुमार, विजेन्दर सिंह, वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे खिलाडियों ने भी हिस्सा लिया.

केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, एम वेंकैया नायडू, अरुण जेटली एवं अन्य के साथ प्रधानमंत्री ने दौड में हिस्सा लेने वालों को एकता की शपथ दिलायी.इससे पहले मोदी ने पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जिसे इस अवसर पर सजाया गया था.

आनंदी बेन ने रन फॉर यूनिटी को दिखाई हरी झंडी

देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 139 वीं जयंती पर अहमदाबाद में गुजरात की मुख्‍यमंत्री आनंदी बेन ने रन फॉर यूनिटी को सुबह 7 : 15 बजे हरी झंडी दिखाई. इस मौके पर हजारों की संख्‍या में में लोग उपस्थित थे.

हैदराबाद में ‘रन फॉर यूनिटी’ को राजनाथ सिंह ने दिखाई हरी झंडी

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज सुबह हैदराबाद में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाई. नामपल्ली में स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा के पास आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने हिस्सा लिया. गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस अधिकारियों की पासिंग आउट परेड में भी हिस्सा लिया.

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