नयी दिल्ली: वैश्विक शोध संस्था आईएफपीआरआई ने आज कहा कि एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे सामान्य से काफी कम वजन के हैं हालांकि भारत ने कुपोषण से लडने की दिशा में प्रगति की है.
Advertisement
‘एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे कमजोर’
नयी दिल्ली: वैश्विक शोध संस्था आईएफपीआरआई ने आज कहा कि एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे सामान्य से काफी कम वजन के हैं हालांकि भारत ने कुपोषण से लडने की दिशा में प्रगति की है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान :आईएफपीआरआई: ने यह सुझाव भी दिया है कि भारत […]
अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान :आईएफपीआरआई: ने यह सुझाव भी दिया है कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों को इन निराशाजनक आंकडों से लडने के लिए भूख से निपटने और कुपोषण के कारणों को दूर करने में तालमेल बिठाना चाहिये और प्रयासों में तेजी लानी चाहिये.
आईएफपीआरआई ने एक बयान में कहा, भारत कुपोषण को दूर करने के मामले में भारत प्रगति कर रहा है जैसा कि आईएफपीआरआई द्वारा हाल में जारी किये गये वर्ष 2014 के वैश्विक भूख सूचकांक में देखा जा सकता है. भारत की एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चे कम वजन के हैं. ै इन आंकडों की पृष्ठभूमि में आईएफपीआरआई एक दो-दिवसीय सम्मेलन ‘पोषण– 2014 के लिये साथ-साथ’ आयोजित कर रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement