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फांसी से पहले बदल गया निठारी का कातिल सुरेंद्र कोली

गाजियाबाद : मासूम लड़कियों को प्रलोभन देकर अपने मालिक के बंगले में बुला कर उनके साथ दुष्कर्म व उसके बाद हत्या कर मांस के टुकड़े खाने वाला नर पिशाच सुरेंद्र कोली खुद को फांसी पर चढ़ाये जाने से पहले बदल गया है. नोएडा के निठारी में अनेकों लड़कियों के साथ ऐसा कुकृत्य करने वाला सुरेंद्र […]

गाजियाबाद : मासूम लड़कियों को प्रलोभन देकर अपने मालिक के बंगले में बुला कर उनके साथ दुष्कर्म व उसके बाद हत्या कर मांस के टुकड़े खाने वाला नर पिशाच सुरेंद्र कोली खुद को फांसी पर चढ़ाये जाने से पहले बदल गया है. नोएडा के निठारी में अनेकों लड़कियों के साथ ऐसा कुकृत्य करने वाला सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा अदालत ने सुनायी है. फांसी से पूर्व उसे डासना जेल में रखा गया है. वहां उसने जेल अधीक्षक को पत्र लिख कर गीता और महात्मा गांधी की आत्मकथा पढ़ने के लिए मांगा है.
उसने फांसी लगने के बाद अपनी आंखें, दिल और किडनी को जरूरतमंदों को दान देने की भी इच्छा प्रकट की है. कोली ने अपने पत्र में जिक्र किया है, उसे न्याय जरूर मिलेगा. फिर भी अगर उसे फांसी होती है, तो उसके शरीर के उपयोगी अंग आंखें, किडनी व दिल आदि बीमार व अपंग लोगों को दान कर दिये जायें.
डासना जेल अधीक्षक एसपी यादव ने मीडिया से कहा है कि सुरेंद्र कोली के पत्र को जरूरी दिशा-निर्देश के लिए ऊपर के अधिकारियों के पास भेजा गया है. ध्यान रहे कि निठारी के इस आरोप को अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद राष्ट्रपति के कार्यालय से भी उसे फांसी की सजा देने पर मुहर लग गयी है. एक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा 29 अक्तूबर तक के लिए रोक लगा दिया है.

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