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बर्दवान विस्फोट कांड : एनआइए ममता सरकार की भूमिका से नाखुश

कोलकाता/बर्दवान : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) शरद कुमार ने शुक्रवार को बर्दवान विस्फोट स्थल का दौरा किया और मामले की जांच में प्रगति का जायजा लेने के बाद कहा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की रणनीति बना ली गयी है. बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ में दो अक्तूबर को हुए विस्फोट की […]

कोलकाता/बर्दवान : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के डायरेक्टर जनरल (डीजी) शरद कुमार ने शुक्रवार को बर्दवान विस्फोट स्थल का दौरा किया और मामले की जांच में प्रगति का जायजा लेने के बाद कहा कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की रणनीति बना ली गयी है.
बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ में दो अक्तूबर को हुए विस्फोट की जांच की जिम्मेदारी एजेंसी के कंधों पर आने के दो सप्ताह बाद एनआइए के महानिदेशक शुक्रवार को घटनास्थल के दौरे पर आये थे. इस विस्फोट के तार आतंकवादियों से जुड़े होने के संदेह हैं और इसका राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर हो सकता है. इस विस्फोट में जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के दो संदिग्ध आतंकियों की मौत हो गयी थी.
उधर, बताया जाता है कि खागड़ागढ़ विस्फोट की जांच के मामले में राज्य सरकार की भूमिका से एनआइए के डीजी शरद कुमार असंतुष्ट हैं. राज्य सरकार के असहयोग के कारण दो सप्ताह से एसएसकेएम अस्पताल में भरती घायल आतंकी अब्दुल हकीम से एनआइए की टीम पूछताछ नहीं कर पायी है. इसकी रिपोर्ट एनआइए ने अदालत में भी की थी.
शुक्रवार के दौरे के बाद श्री कुमार ने एनआइए अधिकारियों के साथ बैठक की. वह केंद्रीय गृह मंत्रलय को रिपोर्ट देंगे व राज्य सरकार के असहयोगपूर्ण रवैये का उल्लेख करेंगे.
दौरे के बाद कोलकाता वापस लौटे कुमार ने संवाददाताओं से कहा : मैं मामले की जांच की समीक्षा के लिए कोलकाता आया हूं. मैंने बर्दवान और मुर्शिदाबाद का दौरा किया. मेरी अपने अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई. हमने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की रणनीति बना ली है. मैं अभी कुछ नहीं बता सकता, क्योंकि इससे जांच प्रभावित होगा.
इससे पूर्व, शुक्रवार सुबह शरद कुमार महानगर पहुंचे. यहां से हेलीकॉप्टर से बर्दवान के झींगुटी स्थित बर्दवान खेल प्रधिकरण के हैलीपैड के मैदान में उतर कर वहां से सीधे विस्फोट स्थल पर पहुंचे. श्री कुमार ने छह अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बर्दवान व मुर्शिदाबाद जिलों में मामले से जुड़े स्थलों का जायजा लिया व जांच अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये.
राज्य सरकार ने की अनदेखी
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दो अक्तूबर को खागड़ागढ़ में विस्फोट को राज्य पुलिस व सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया. शुरू में राज्य पुलिस द्वारा प्रमाण व तथ्यों को छिपाने व मिटाने की भी कोशिश की गयी. खागड़ागढ़ विस्फोट व राज्य के विभिन्न इलाकों से जब्त विस्फोटक से साफ है कि आतंकी लंबे समय से देश को अशांत करने की साजिश रच रहे थे. आतंकियों की घुसपैठ केवल राज्य के सीमावर्ती पांच-छह जिलों में नहीं है, बल्कि मध्य बंगाल में स्थित बर्दवान जैसे जिले में अपना डेरा बनाने में कामयाब हुए हैं. मदरसों को आतंकी संगठनों ने आतंकी प्रशिक्षण शिविर के रूप में इस्तेमाल किया. यह केवल सिमुलिया में ही नहीं हुआ, बल्कि मुर्शिदाबाद में भी आतंकियों ने गढ़ बना लिया था.
शुक्रवार की सुबह श्री कुमार के साथ अधिकारियों की टीम कोलकाता पहुंची. इसके बाद विशेष हेलीकॉप्टर से बर्दवान के झींगुटी स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के मैदान में पहुंची. पुलिस अधीक्षक सैयद मोहम्मद हुसैन मिर्जा व पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. श्री कुमार, डीआइजी संजीव कुमार सिंह, एनआइए के पुलिस अधीक्षक विक्रम खलाते आदि खागड़ागढ़ विस्फोट स्थल पहुंचे और वहां का मुआयना किया.
आतंकियों के सभी कमरों को देखा व छत पर चढ़कर आसपास की स्थिति का जायजा लिया. वह वहां 10 मिनट तक रुके. फिर वह अपने काफिले के साथ सड़क मार्ग से बर्दवान के बादशाही रोड के माठपाड़ा स्थित संदिग्ध आतंकी रेजाउल शेख के ठिकाने पर गये. यहां से बड़ी संख्या में एनआइए व एनएसजी कमांडो ने विस्फोटक बरामद किया था. उन्होंने सभी कमरों की जांच की. श्री कुमार आतंकियों की तैयारियों को देख कर स्तब्ध रह गये. इस दौरान उन्होंने पुलिस अधीक्षक श्री मिर्जा व जांच में जुटे अधिकारियों से विभिन्न तथ्यों की जानकारी ली.
इसके बाद पूरी टीम हेलीकॉप्टर से मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो गयी. उनके साथ एनआइए के डीआइजी श्री सिंह, एसपी विक्रम खलाटे भी थे. वहां उन्होंने उन मदरसों की जांच की, जहां संदिग्ध आतंकियों के प्रशिक्षण लेने के तथ्य मिले थे.
उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच में जो तथ्य मिल रहे हैं, उनकी समीक्षा के लिए उन्होंने टीम के साथ दौरा किया. जांच सही दिशा में चल रही है. इस मामले में जो अपराधी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनायी गयी. उन्होंने कहा कि पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रलय को भेजी गयी है.
नहीं मिले धार्मिक प्रतिनिधियों से
कई धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने खागड़ागढ़ विस्फोट स्थल पर डीजी श्री कुमार से मुलाकात करने की कोशिश की. लेकिन समय कम होने के कारण उन्हें समय नहीं मिल सका. बंदी मुक्ति समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि खागड़ागढ़ कांड में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ क ड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये. लेकिन निदरेष को इस मामले में गिरफ्तार न किया जाये. समिति के मासूम अख्तर ने कहा कि खागड़ागढ़ के बाद संगठन के प्रतिनिधि बादशाही रोड, बबुरबाग और मंगलकोट के सिमुलिया के लिए रवाना हो गये.
श्री कुमार विस्फोट स्थल पर गये. उन्होंने उस मकान का निरीक्षण किया जिसमें विस्फोट हुआ था, कमरों की जांच की और फिर वे
बर्दवान जिला पुलिस के साथ खोज अभियान के दौरान एनआइए के जांचकर्ताओं को रिजाउल करीम के इस मकान से आइइडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज) मिले थे. एनआइए ने इस मामले में दो महिलाओं समेत कुल तीन लोगों से पूछताछ की है.
इन महिलाओं में एक विस्फोट में मारे गये संदिग्ध आतंकवादी की पत्नी है.
पुलिस ने कहा कि एनआइए के महानिदेशक बाद में मुर्शिदाबाद के बेलडांगा रवाना हो गये. वहां उन्हें उस मकान पर जाना था, जिसमें मृत आतंकवादी शकील किराये पर रहा था. वह अहमद द्वारा चलायी जाने वाली बुर्का बनाने की इकाई ‘बुर्का घर’ भी गये. संदेह है कि वह इस स्थान का उपयोग अन्य आरोपियों से मिलने के लिए करता था. एनआइए की टीम ने जांच के दौरान पिछले कुछ दिन में हर्दवान जिले से बडी संख्या में किताबें और दस्तावेज, 12 बक्से और एक कार जब्त की है.
नदिया का भी दौरा
नदिया जिले के बाबुरबाग में भी श्री कुमार ने एनआइए की टीम के साथ संदिग्ध आतंकियों के दूसरे ठिकाने का भी दौरा किया. वे वहां करीब आधे घंटे तक रहने के बाद लौट आये.
असम के छह आरोपी न्यायिक हिरासत में
उधर, बर्दवान विस्फोट में कथित संलिप्तता के लिए असम के बारपेटा जिले से गिरफ्तार किये गये छह लोगों को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कामरुप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने छह व्यक्तियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि पुलिस ने सात दिन की हिरासत मांगी थी.
10 अक्तूबर को गिरफ्तारी के बाद गत 11 अक्तूबर को छह आरोपियों को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
इन छह व्यक्तियों में पिता.पुत्र शिराज अली खान और शैखुल इस्लाम, रफीकुल इस्लाम, जहरुद्दीन, गोलम उस्मानी और सर्वेश अली शामिल हैं जो बारपेटा जिले के अलग अलग गांवों के निवासी हैं.
असम पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह पता चलता है कि गिरफ्तार किये गए व्यक्ति जमातुल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के संरक्षण में संचालित होने वाले एक माड्यूल का हिस्सा हैं.
शैखुल इस्लाम उर्फ अब्दुल्ला असम में संचालित इस मॉड्यूल का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और बर्धवान के खगरागढ में हुए विस्फोट में एक अन्य के साथ मारा गया संदिग्ध जेएमबी सदस्य शकील अहमद उर्फ शमीन का सहयोगी है.

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